बिहार में भी पराली से होने वाले प्रदूषण का संकट, निदान के लिए इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस
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बिहार में भी पराली से होने वाले प्रदूषण का संकट, निदान के लिए इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान पराली को लेकर विशेष रणनीति बनाने और किसानों को जागरुक करने की सलाह विभाग के अधिकारियों को दी थी.

पराली जलने से बढ़ रहा है प्रदूषण. (फाइल फोटो)

आशुतोष चंद्रा, पटना : पराली से होने वाले प्रदूषण की चपेट में अब बिहार का नाम भी शामिल हो गया है. पराली जलाने की समस्या से उबरने के लिए बिहार सरकार एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस करने जा रही है. इसमें कई देशों के विशेषज्ञ शामिल होंगे और पराली से उबरने के उपाय बतायेंगे. ज्ञात हो कि पटना पॉल्यूशन के मामले में देश के टॉप थ्री पॉल्यूटेड सिटी में शामिल हो चुका है.

पराली वाले प्रदूषण का असर अब पटना में भी दिखने लगा है. एक तो कुहासा और ऊपर से खेतों में जल रही पराली से होने वाले प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.

बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष एके घोष ने भी माना है कि खेतों में पराली जलाने का मामला गंभीर हो चुका है. किसान ये समझते हैं कि खेतों में पराली जलाना खाद का काम करता है, लेकिन हकीकत यह नहीं है. पराली जलाने से प्रदूषण का गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है.

बिहार सरकार ने पराली संकट से उबरने के लिए रणनीति तैयार कर रही है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान पराली को लेकर विशेष रणनीति बनाने और किसानों को जागरुक करने की सलाह विभाग के अधिकारियों को दी थी. बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि पराली संकट से उबरने के लिए बिहार सरकार और कृषि विश्वविद्यालय सबौर की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. 

इस कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इन्सटीच्यूट (फिलिपिन्स), सिमायट मैक्सिको, इन्टरनेश्नल फूड पॉलिसी रिसर्च इन्सटीच्यूट (वाशिंगटन) जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कॉन्फ्रेंस में पराली संकट से उबरने की रणनीति पर चर्चा होगी. कृषि मंत्री ने कहा कि पराली को लेकर किसानों को जागरुक करना होगा. इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम गांवों का दौरा करेगी.

कृषि मंत्री ने कहा कि खेतों को उर्वरक बनाने के लिए किसानों को पराली की जगह गाय के गोबर और मूत्र को खाद के रुप में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाएगी. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही पराली संकट से बिहार उबर जाएगा.