Nalanda News: किशोर ने 12 साल तक कोर्ट का चक्कर लगाने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप उसका BSF में चयन हो गया. अगले महीने इसकी जॉइनिंग होना है.
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Nalanda: किशोर न्याय परिषद् के अध्यक्ष मानवेंद्र मिश्र के फैसले की फिर एक बार देश स्तर पर चर्चा हो रही है. जज ने मारपीट के आरोप में एक किशोर को दोषमुक्त करते हुए एसपी को आचरण प्रमाण पत्र में इस मामले का उल्लेख नहीं करने का निर्देश जारी किया है. इस आरोपी का असम राइफल (Assam Rifle) में राइफलमैन के रूप में चयन हो गया है और अगले महीने इसे ज्वाइन करना है.
FIR में दर्ज था नाम
अगर इस प्राथमिकी का उल्लेख उसके आचरण प्रमाण पत्र में कर दिया जाता है तो यह देश सेवा से वंचित हो जाता. दरअसल, 11 जुलाई 2009 को अस्थावां थाना इलाके में चापाकल के पानी निकास को लेकर दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी, जिसमें किशोर और उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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BSF में हुआ चयन
उस समय इसकी उम्र 14 वर्ष की थी. इस मामले में 24 सितंबर को JJB में आरोप पत्र सौंपा गया, उसके बाद आरोपित किशोर ने हिम्मत नहीं हारी और सही रास्ते पर चलकर समाज के सामने आदर्श पेश किया. किशोर ने 12 साल तक कोर्ट का चक्कर लगाने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी और कड़ी मेहनत के परिणाम स्वरूप उसका BSF में चयन हो गया. अगले महीने इसकी जॉइनिंग होना है.
5 दिन के अंदर हुआ केस का ट्रायल
इस फैसले की लोग सराहना कर रहे हैं. जज ने मात्र 5 दिन के अंदर मुकदमा को ट्रायल कर किशोर को बरी कर दिया. बता दें कि न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र ने कई ऐसे फैसले सुनाए हैं जिसके कारण अपराध की दुनिया छोड़ किशोर समाज की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं.
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(इनपुट-दीपक विश्वकर्मा)