बिहारः वर्षगांठ के जरिए कुर्मी समाज को जुटाने की कवायद शुरू
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बिहारः वर्षगांठ के जरिए कुर्मी समाज को जुटाने की कवायद शुरू

कुर्मी चेतना महारैली की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर 12 फरवरी को पटना में कुर्मी महासभा के तत्वाधान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा.

12 फरवरी को कुर्मी समाज 25वां वर्षगांठ मनाएगी.

पटनाः कुर्मी समाज में सामाजिक और राजनैतिक चेतना जगाने के लिए वर्ष 1994 में हुई कुर्मी चेतना महारैली की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर 12 फरवरी को पटना में कुर्मी महासभा के तत्वाधान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा. इस समारोह में पूरे प्रदेश से विभिन्न क्षेत्रों में अहम योगदान देने वाले समाज के 151 लोगों को सम्मानित किया जाएगा. 

आयोजन समिति के संयोजक अनिल कुमार ने यहां शनिवार को एक संवाददता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 12 फरवरी, 1994 को हुई कुर्मी चेतना महारैली के बाद कुर्मी समाज की राजनीतिक भागीदारी भी बढ़ी. इसके अलावा सामाजिक चेतना में भी बढ़ोतरी हुई, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी समाज काफी आगे बढ़ा है. 

उन्होंने कहा कि उसके बाद कुर्मी समाज की विभिन्न उपशाखाओं में एकता और आपसी वैवाहिक संबंध स्थापित होने लगा. 

संयोजक ने कहा, "इस सामाजिक चेतना का ही परिणाम है कि आज प्रशासन, अभियंत्रण, चिकित्सा, शोध, व्यवसाय, राजनीति आदि विभिन्न क्षेत्रों में भी शीर्ष स्थानों पर इस समाज का प्रतिनिधित्व है. राजनीतिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज को उचित सम्मान दिया जाने लगा है." 

उन्होंने हालांकि कुर्मी समाज में नेतृत्व की कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि कहा कि कुर्मी समाज में और बदलाव के लिए एक नेतृत्वकर्ता की जरूरत है, जिसकी खोज महारैली की 25वीं सालगिरह के मौके पर की जाएगी. 

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए समाजसेवी संत लाल संत और आयोजन समिति के सह संयोजक रणविजय कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि 1994 की उस कुर्मी चेतना महारैली की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस समारोह का मुख्य उद्देश्य समाज को फिर से जागरूक करना है. 

उन्होंने कहा कि इस सम्मान से लोगों को प्रेरणा मिलेगी. इस समारोह में समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने एवं विकासात्मक सुधार के लिए लोगों के सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे.