बिहार में दलितों के अधिकार के मसले पर सियासत तेज हो गई है. जीतन राम मांझी और एनडीए विधायकों के सामने आरजेडी ने अपने दलित विधायकों को खड़ा किया है.
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पटना: बिहार में दलितों के अधिकार के मसले पर सियासत तेज हो गई है. जीतन राम मांझी और एनडीए विधायकों के सामने आरजेडी ने अपने दलित विधायकों को खड़ा किया है. दरअसल, क्रीमीलेयर के खिलाफ गुरूवार को मांझी के आवास पर होनेवाली बैठक में आरजेडी के दलित विधायक शामिल नहीं हुए.
आरजेडी के दलित विधायकों की आज राबड़ी के आवास पर बैठक हुई. शिवचंद्र राम के नेतृत्व में आरजेडी के एक दर्जन विधायक शामिल हुए. ये बैठक तेजश्वी यादव और जगदानंद सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक के बाद आरजेडी एमएलए शिवचंद्र राम ने कहा है कि दलितों की आवाज लालू यादव ने हमेशा आगे रखा है.
आरजेडी विधायक राजेंद्र राम ने कहा है कि जिनके कारण दलित के अधिकारों पर संकट है उनके नेतृत्व में हमें इंसाफ कैसे मिल सकता है. हम एनडीए के दलित विधायकों से कहेंगे कि वो एनडीए का साथ छोड़कर हमारे साथ आएं.
वहीं, आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि आरजेडी के दलित विधायकों ने हमारे सामने और शर्त रखे हैं. तेजश्वी यादव ने विधायकों को भरोसा दिलाया है कि वो उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे.
दरअसल, बिहार के एससी-एसटी विधायक आरक्षण के मुद्दे पर एकजुट हुए थे. वो देश के सभी एससी-एसटी विधायकों और सांसदों को भी एक मंच पर लाने की पहल कर रहे थे, लेकिन इसी बीच आरजेडी के विधायकों के अलग हो जाने से ये पहल कितनी सफल होगी ये आने वाला समय तय करेगा.