Bihar News: JDU ने 2015 में 'सात निश्चय' की घोषणा की थी, जिसके तहत पेयजल, शौचालय, महिला रोजगार समेत कुल सात क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाने थे. इस निश्चय का उद्देश्य बिहार के लगभग दो करोड़ परिवारों को पाइप के माध्यम से नल द्वारा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था.
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Patna:'जल ही जीवन है', ये मात्र स्लोगन नहीं है, एक ऐसा सच है जिसे दुनिया में कोई झुठला नहीं सकता. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गरीबों की प्यास बुझाने के लिए और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसी कई योजनाओं की शुरुआत की है. आज इन सारी योजनाओं का लाभ बिहार के हर गरीब तबके के लोगों तक पहुंच रहा है. चाहे वो बिहार की राजधानी पटना में रह रहा कोई गरीब हो या बिहार के आखिरी सीमा पर रह रहा कोई व्यक्ति हो. हर कोई सीएम नीतीश के योजना से लाभावन्वित हो रहा है.
क्या है नल-जल योजना?
JDU ने 2015 में 'सात निश्चय' की घोषणा की थी, जिसके तहत पेयजल, शौचालय, महिला रोजगार समेत कुल सात क्षेत्रों में विकास कार्य किए जाने थे. इस निश्चय का उद्देश्य बिहार के लगभग दो करोड़ परिवारों को पाइप के माध्यम से नल द्वारा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था. इसे पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने कुल चार योजनाएं शुरू की थीं, जिसमें शहरी क्षेत्र, ग्रामीण एवं पानी की खराब गुणवत्ता वाले क्षेत्रों के लिए अलग-अलग योजनाएं थीं.
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना.
बिहार सरकार की नल-जल योजना शुरु करने के बाद से गांव-देहात में एक क्रांति सी आ गई है. महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत 27 सितंबर 2016 में हुई थी. आज इस योजना के कारण सूबे के उन सूदुर क्षेत्रों में भी नल के जरिए जल पहुंच रहा है जहां कभी लोगों ने अपनी जिंदगी में नल नहीं देखा था. इसी को ध्यान रखते हुए पंचायती राज विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक राज्य के 38 जिलों के कुल 1,14,737 वॉर्डों में से 97,280 वॉर्डों में ये योजना शुरू की गई थी. ये बिहार सरकार की इस योजना के प्रति गंभीरता ही है कि मात्र 1563 वार्डों में काम अधूरा है.
जानकारी के अनुसार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय के तहत हर घर नल का योजना के तहत हर घर तक नल से पानी पहुंचाने का काम 27 सितंबर 2016 से शुरू किया था. इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य 31 मार्च 2020 तय किया गया था. इसमें तीन योजनाओं को शामिल किया गया था, जिनके जरिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के 97,280 वार्डों तक नल से पीने का साफ पानी पहुंचाना था. नाली-गली और नल जल योजना के लिए राज्य सरकार ने लोगों को मुफ्त में पानी पहुंचाने के लक्ष्य से 37,070 करोड़ रुपए का बजट रखा था.
नल जल योजना की उपलब्धि
बिहार की हर घर नल का जल निश्चय योजना को अंतर्राष्ट्रीय पहचान तब मिली जब 2020 में G-20 देशों के सम्मेलन में इस योजना का प्रस्तुतीकरण किया गया. भारत सरकार की ओर से इसकी प्रस्तुति सम्मेलन में की गई थी. हालांकि, अभी कुछ ही दिनों पहले बिहार सरकार ने नल-जल के लिए 30 रुपए का शुल्क का प्रावाधान किया है. इसका भुगतान न करने पर जल का कनेक्शन काट दिया जाएगा.