पॉर्न देखने के मामले में तीसरे नंबर पर है भारत, बिहार में फिर उठी इसे बैन करने की मांग
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पॉर्न देखने के मामले में तीसरे नंबर पर है भारत, बिहार में फिर उठी इसे बैन करने की मांग

आपको जानकर हैरत होगी कि पॉर्न साइट देखने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर यूनाइटेड किंगडम है. पॉर्न साइट्स का सर्वे करने वाली एक एजेंसी पॉर्न हब ने पाया है कि पॉर्न देखने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 18 से 34 साल के युवा वर्ग की है. 

बिहार में पॉर्न साइट्स पर बैन की उठी मांग, पॉर्न देखने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पटना: बिहार में पॉर्न बैन को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. पॉर्न बैन को लेकर बिहार में खासतौर पर युवा और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग खुलकर अपनी राय रख रहे हैं. बिहार के ज्यादातर युवा भी चाहते हैं कि पॉर्न पर पाबंदी हर हाल में लगे, जहां तक पॉर्न से बढने वाले यौन उत्पीड़न का सवाल है तो इसको लेकर युवाओं के बीच राय थोड़ी अलग सी दिखती है. 

कुछ युवाओं की मानें तो यौन उत्पीड़न का मामला गंदी मानसिकता की वजह से है न कि पॉर्न साइट से है. जिनकी सोच गंदी होगी उनके लिए पॉर्न साईट कोई मतलब नहीं रखता. वहीं कुछ युवा ये भी मानते हैं कि उनके बीच पॉर्न साईट्स को लेकर चर्चा जरुर होती है लेकिन हर कोई वो साइट देखे ये जरूरी नहीं.

पॉर्न बैन को लेकर एक बार फिर चर्चा जोरों पर है. साल 2018 में केन्द्र सरकार ने पॉर्न पर बैन लगाने की कवायद जरूर शुरू की थी, लेकिन वह कवायद पूरी नहीं हो सकी. सिर्फ चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के ही साइट्स पर पाबंदी लग सकी. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एकबार फिर पॉर्न पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की मांग उठाई है. बिहार सरकार ने तो अब स्कूल के बच्चों को पॉर्न से जुड़ी सही जानकारी भी देने की तैयारी कर ली है.

आपको जानकर हैरत होगी कि पॉर्न साइट देखने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर यूनाइटेड किंगडम है. पॉर्न साइट्स का सर्वे करने वाली एक एजेंसी पॉर्न हब ने पाया है कि पॉर्न देखने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 18 से 34 साल के युवा वर्ग की है. 

यहां तक की भारत में 30 फीसदी महिलाएं भी पॉर्न साइट्स देखती हैं. भारत में 40 करोड़ लोग लगातार इंटरनेट यूज करने वाले कस्टमर हैं, जिनमें से 50 फीसदी लोग पॉर्न देखते हैं.

समाजशास्त्री डीएम दिवाकर पॉर्न पाबंदी की कुछ व्यवहारिक कठिनाईयों की जानकारी देते हैं. डीएम दिवाकर की मानें तो पॉर्न साईट्स से पहले सरकार को एडल्ट मूवीज को भी बैन करना चाहिए. एडल्ट्स के भी कुछ अधिकार हैं, जिन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता. जब तक समाज इसको लेकर जागरूक नहीं होगा, तब तक इस तरह के बैन से समस्या का समाधान नहीं हो सकता.

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी भी मानते हैं कि पॉर्न पर पूरी तरह रोक के लिए समाजिक जागरूकता भी जरूरी है. अशोक चौधरी ने कहा है कि आज पॉर्न पूरी तरह से ओपन है. मोबाइल के जरिए छोटे बच्चों तक पहुंच रहा है. जानकारी के अभाव में बच्चे उस दलदल में फंसते चले जा रहे हैं. ऐसे में पॉर्न बैन की सख्त आवश्यकता है.