झारखंड के लोगों को जल्द ही जाम से छुटकारा मिलने वाला है. राज्य के शहरी और कस्बाई इलाकों के भीतर ट्रैफिक लोड को कम करने के लिए 15 बाईपास सड़कों के निर्माण की योजना बनाई गई है. इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक भी मिल गयी है.
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Ranchi: झारखंड के लोगों को जल्द ही जाम से छुटकारा मिलने वाला है. राज्य के शहरी और कस्बाई इलाकों के भीतर ट्रैफिक लोड को कम करने के लिए 15 बाईपास सड़कों के निर्माण की योजना बनाई गई है. इस योजना को लेकर केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक भी मिल गयी है. राष्ट्रीय उच्च पथ विभाग ने इन सड़कों के लिए डीपीआर (Detailed Project Report) बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन बाईपास सड़कों के निर्माण से झारखंड के कई शहरों की तस्वीरें बदलेंगी.
विभाग की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव के अनुसार, इन सभी बाईपास सड़कों की कुल लंबाई 195 किलोमीटर होगी. राज्य के पथ निर्माण सचिव सुनील कुमार (State Road Construction Secretary Sunil Kumar) ने एनएच के मुख्य अभियंता को बाइपासरिंग रोड के निर्माण के लिए एलाइनमेंट अप्रूवल औरडीपीआर की स्वीकृति की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया है. इसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा रही है. गुमला जिले में एक बाईपास की योजना को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और उसपर काम भी शुरू हो गया है. यहां बन रही बाईपास की लंबाई 12.84 किलोमीटर है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चतरा जिले में सबसे ज्यादा चार बाईपास सड़कें बनाये जाने का प्रस्ताव है. कोल्हान प्रमंडल में दो बाईपास सड़कें चाईबासा और चक्रधरपुर शहर के भीतर मौजूदा ट्रैफिक लोड को घटाने में मददगार होंगी. सबसे लंबी बाईपास सड़क दुमका में बनेगी. इसकी लंबाई 25 किलोमीटर होगी.
इसी तरह चतरा से हजारीबाग को जोड़नेवाली सड़क पर यातायात का दबाव कम करने के लिए 20 किलोमीटर लंबी बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव है. सबसे छोटी बाईपास सड़क लोहरदगा में बनेगी. इसकी लंबाई पांच किलोमीटर प्रस्तावित है. एनएच के रांची डिविजन के तहत बेड़ो और भंडरा में बाईपास सड़क बनायी जानी है. सभी प्रस्तावित 22 बाईपास सड़कों की योजना पर इसी वर्ष काम शुरू कर दिये जाने की उम्मीद है. सड़कों का डीपीआर मंजूर होते ही जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी.
(इनपुट:आईएएनएस)