'अपने समाज के लोगों को हक दिलाना मकसद'
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'अपने समाज के लोगों को हक दिलाना मकसद'

बोचहॉं विधानसभा क्षेत्र पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की घोषणा करते हुए सहनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में यह सीट वीआईपी के कोटे में थी. इस कारण इस पर दावा वीआईपी का ही बनता है. वे यहां से प्रत्याशी उतारेंगे, जिसे समर्थन देना होगा देंगे, नहीं तो चुनाव लड़कर भी देख लेंगे.

मुकेश सहनी (फाइल फोटो)

पटना: बिहार सरकार में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और राज्य में पशु और मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि उनके लिए मंत्री पद मायने नहीं रखता. उनका मकसद अपने समाज के लोगों को हक और अधिकार दिलाना है.

  1. खूब गर्मी में इस्तीफे की चर्चा
  2. बोचहॉं विधानसभा क्षेत्र में उतारेंगे प्रत्याशी 

खूब गर्मी में इस्तीफे की चर्चा
मंत्री मुकेश सहनी के मंत्री पद से इस्तीफे की चर्चा शुक्रवार को खूब गर्म में रही थी. इस संबंध में उन्होंने बताया कि नाराजगी का प्रश्न नहीं है. हमलोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार में शामिल हैं, लेकिन कोई छोटा दल कहकर कम आंकने की भूल न करे. बिहार में चार दलों के सहयोग से सरकार चल रही है. सभी दलों को अपनी बात रखने का अधिकार है.

उनकी पार्टी के दो लोगों को मंत्री बनाने का वादा किया गया था, लेकिन एक मंत्री पद ही दिया गया. उनकी मांग रही है अति पिछड़ा समाज का आरक्षण दायरा बढ़ाया जाए. उनका सरकार में शामिल होने का मकसद भी आरक्षण दिलाना था. हालांकि उनकी बातों को तवज्जो नहीं दी जा रही.

शुक्रवार को हुई एनडीए की बैठक
बता दें कि शुक्रवार को एनडीए की बैठक बुलाई गई थी. इसमें सहनी भी शामिल हुए थे, लेकिन बैठक के बीच में ही वे निकल गए थे. सहनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम आने दीजिए, सबको पार्टी की हैसियत और ताकत का अंदाजा लग जाएगा. भाजपा को पूर्वांचल में वीआईपी के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा. सहनी की पार्टी यूपी में अकेले चुनाव लड़ रही है. यूपी में जदयू के प्रत्याशी के समर्थन में एक सीट पर वे प्रत्याशी नहीं दे रहे हैं. वे सभी सीटों पर अकेले दम पर चुनाव लड़ेंगे.

बोचहॉं विधानसभा क्षेत्र में उतारेंगे प्रत्याशी 
मुजफ्फरपुर जिलें की बोचहॉं विधानसभा क्षेत्र पर होने वाले उपचुनाव में प्रत्याशी उतारने की घोषणा करते हुए सहनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में यह सीट वीआईपी के कोटे में थी. इस कारण इस पर दावा वीआईपी का ही बनता है. वे यहां से प्रत्याशी उतारेंगे, जिसे समर्थन देना होगा देंगे, नहीं तो चुनाव लड़कर भी देख लेंगे.

(इनपुट-आईएएनएस)

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