मनोज झा का बड़ा बयान, कहा-संसद सत्र में JDU को छोड़ कर सभी दल विपक्ष में होंगे शामिल
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मनोज झा का बड़ा बयान, कहा-संसद सत्र में JDU को छोड़ कर सभी दल विपक्ष में होंगे शामिल

राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को छोड़कर सभी दल साझा विपक्ष में शामिल हैं, जो संसद सत्र में साफ हो जाएगा.

मनोज झा का बड़ा बयान (फाइल फोटो)

Patna: राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता मनोज झा (Manoj Jha) ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को छोड़कर सभी दल साझा विपक्ष में शामिल हैं, जो संसद सत्र में साफ हो जाएगा. उन्होंने 29 नवम्बर से शुरू होने वाले संसद के आगामी शीतकालीन सत्र, पिछले दिनों हुए उपचुनाव और कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को लेकर कई मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की.

सवाल- सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरीके से उम्मीद लगाई जा रही थी कि कांग्रेस और आरजेडी का गठबंधन लंबा चलने वाला है लेकिन उपचुनाव से ठीक पहले गठबंधन टूट गया. इसके पीछे आप क्या वजह मानते हैं ?

जवाब- उपचुनाव की परिस्थितियां अलग थी, दो स्थानों पर उपचुनाव था. खास तौर पर कुशेश्वर स्थान में हमारी यह उम्मीद थी कि हम एक दलित समुदाय के उम्मीदवार को चुनाव में उतारे, ताकि उस समुदाय के लोगों राहत मिल, जिन्हें हम प्रतिनिधित्व देना चाहते थे. आमतौर पर ऐसी जाति का प्रतिनिधित्व न के बराबर रहा है या फिर हाशिए पर रहा है. यह केवल एक देखने का नजरिया था, जिसे कांग्रेस नहीं समझ पाई.

यही वजह थी कि आरजेडी ने दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे. रही बात राष्ट्रीय स्तर पर, हमारे राष्ट्रीय नेता लालू यादव बोल चुके हैं कि हम कांग्रेस पार्टी के सबसे पुराने अलायंस हैं. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी बोल चुके हैं.. लेकिन उपचुनाव में बात कुछ और थी. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेता इस बात को जानते हैं. साथ ही प्रदेश स्तर के नेता भी जानते हैं कि बिहार की राजनीति में आरजेडी नाभी के रूप में है..हम सबसे बड़े दल हैं और अगर किसी स्थान के बारे में हमने जानकारी एकत्रित करके अपनी बात रखते हैं तो उसका सम्मान होना चाहिए.

सवाल- बिहार कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरणदास पर की गई टिप्पणी जोकि पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू यादव की तरफ से की गई थी उसे आप कैसे देखते हैं?

जवाब- मैं अब पुरानी बात में वापस नहीं जाना चाहता, क्योंकि उस समय जो हालात थे. उनकी तरफ से भी कुछ ऐसे बयान दिए गए.. बीजेपी-आरएसएस से हम लोग संपर्क में है. साफ कहूं तो जो लोग, लालू यादव को..राष्ट्रीय जनता दल को, हमारे संघर्ष को, नेता प्रतिपक्ष की प्रतिबद्धताओं को जानते हैं वह ऐसी टिप्पणी कभी नहीं करेंगे. उसी संबंध में हमने कहा था और मैंने स्वयं भी कहा था. क्योंकि बिहार के प्रभार से पहले बिहार को थोड़ा समझना बेहद जरूरी है, शायद अब उन्हें वक्त मिल गया है. वह बेहतर तरीके से समझ गए होंगे.

सवाल- आपकी तरफ से कहा गया था महागठबंधन जारी रहेगा. अब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है, ऐसे में क्या एक बार फिर से जब कांग्रेस पार्टी की तरफ से सभी दलों को संपर्क किया जाएगा आप भी कांग्रेस पार्टी की बैठक में शामिल होंगे, क्या आरजेडी उसका हिस्सा होगी?

जवाब- जी हां, जरूर और ऑल पार्टी मीटिंग में तो वैसे भी सभी दल शामिल होते हैं. सभी विपक्षी दल मिलकर बैठकर, संसद की रणनीति तैयार करते हैं. केंद्र सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी दल क्या चाहते हैं, ये उस बैठक में तय होगा.

कांग्रेस के साथ हमारा पहले भी गठबंधन रहा है और आगे भी रहेगा लेकिन जब संसद की रणनीति बैठक होती है तो सभी विपक्षी दलों को शामिल किया जाता है उसका चरित्र बिल्कुल ही अलग होता है. चाहे हम गठबंधन में रहे या न रहे, विपक्षी दल एक साथ मौजूद रहते हैं. राष्ट्रीय जनता दल को अपनी संसदीय भूमिका के बारे में पता है और वह इस का निर्वहन करेगी.

देश में इतने सारे मुद्दे हैं, आरजेडी उन मुद्दों को संसद में विपक्षी एकता के साथ उठाएगी. चाहे बेरोजगारी की बात करें, किसानों की बात करें, अब तो कोई टिप्पणी कर देता है कि आजादी 2014 में ही हमें मिली है. तो जाहिर है यह सारे मुद्दे हैं जिन पर सामूहिक रूप से चर्चा होगी और पूरा विपक्ष संसद सत्र से पहले एकजुट होने की तैयारी करेगा. एक स्वर में बोलेगा, मुझे यकीन है कि एक आदर्श जो कल तक बीजेपी के साथ है, उन्हें भी बहुत टीस लगी है, वह भी अब बीजेपी को छोड़कर हमारे साथ आएंगे और बहुत ही प्रबल चर्चा होगी.

सवाल- विपक्ष में कौन-कौन सी पार्टियां शामिल हो सकती है जैसा कि आपने कहा कई नए दल शामिल हो सकते हैं, तो आपके साथ और कांग्रेस के साथ वह कौन से दल होंगे ?

जवाब- लगभग सारे दल है बीजेपी के पास कौन है ही! अब जनता दल यूनाइटेड के अलावा बीजेपी के साथ कोई भी दल खड़ा नहीं है बाकी सब जो विपक्षी दल है. अब उनको आप साझा विपक्ष समझिए.

सवाल- संसद के शीतकालीन सत्र में आपकी तरफ से खासतौर पर क्या कुछ मुद्दे उठाए जाएंगे ?

जवाब- हमारी तरफ से जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है वह बेरोजगारी है, महंगाई. मैं समझता हूं कि किसान आंदोलन आज बेहद महत्वपूर्ण है. तकरीबन 1 साल से किसान देश भर में सड़कों पर है उसी संबंध में हम चर्चा करना चाहते हैं. 29 तारीख को जब संसद बैठेगी तो किसान आंदोलन का 1 वर्ष 3 दिन पूरे हो जाएंगे. उनका क्या भविष्य रहेगा यह मुद्दा उठाया जाएगा. चीन को लेकर जिस तरीके से डेवलपमेंट का काम हो रहा है. उस पर केंद्र सरकार का क्या रुख है, मुद्दा जानने की कोशिश की जाएगी. पेंटागन की रिपोर्ट आई, उसमें सरकार की तरफ से अभी तक कुछ भी कहा नहीं गया है. यह सारी चीजें सामूहिक तौर पर संसद में विपक्ष उठाएगा.

सवाल- सलमान खुर्शीद की जो हाल ही में किताब आई है सनराइज ओवर अयोध्या में जिस तरीके से हिंदुत्व को लेकर लिखा गया है या कांग्रेस की और कई नेता खासतौर पर राहुल गांधी हिंदू और हिंदुत्व को अलग-अलग बता चुके हैं ऐसे में आप क्या सही मानते हैं क्या कांग्रेस को नुकसान हो सकता है?

जवाब- मैं नफा-नुकसान में नहीं जाना चाहता , इलेक्टोरल पॉलिटिक्स की बात नहीं करता. मैं आपको सीधे बताना चाहता हूं कि 80 के दशक से पूर्व, गाहे-बगाहे ही हिंदुत्व शब्द का प्रयोग होता था. हिंदू धर्म और हिंदुत्व एक नहीं है. ये एक हम ही नहीं केवल करोड़ों हिंदुस्तानी जानते हैं, कि हिंदुत्व एक पॉलिटिकल कॉकटेल है. एक राजनीतिक हथियार है. हिंदू धर्म को अगर किसी राजनेता के माध्यम से हमने समझा, तो वह बापू हैं. उनसे बड़ा कोई हिंदू नहीं, क्या बापू का हिंदू धर्म और यह जो आज बीजेपी और संघ के लोग का हिंदुत्व है. वह एक नहीं है, यह प्रश्न तो अब लोग भी पूछ रहे हैं कि क्यों नहीं है ? मेरी सिर्फ इतनी ही टिप्पणी है हिंदुत्व को, हिंदुइज्म मत बनाइए, हिंदुत्व तालाब है और हिंदू धर्म महासागर है. महासागर और तालाब एक नहीं हो सकते.

सवाल- पांच राज्यों के चुनाव को लेकर आरजेडी क्या कुछ कर रही है. बिहार के अलावा और राज्यों में क्या तैयारी है आरजेडी की?

जवाब- बिहार के अलावा झारखंड में हमारा प्रसार है. झारखंड में हम चुनाव लड़ते रहे हैं. जिन राज्यों में चुनाव हैं. उन राज्यों में हम समविचार वाले दलों के लिए प्रचार करेंगे. उनके साथ मिलकर काम करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे की जनता को जिन लोकविरोधी निर्णयों से परेशानी हो रही है. पूरी राजनीति लोक उन्मुख होने की बजाय पूंजी उन्मुख हो गई है. पूंजीपतियों के लिए बनाई जा रही है. उस राजनीति का अवसाद हो. उन्हें शिकस्त मिले, इसके लिए हम काम करेंगे. कई राज्यों में ये हमारी प्राथमिकता होगी.

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सवाल- उत्तर प्रदेश में जो हालात हैं जिस तरीके से लगातार कांग्रेस पार्टी के लिए प्रियंका गांधी मैदान में जमकर चुनाव प्रचार कर रही है लोगों से मुलाकात कर रही है और सपा के आज के जो हालात हैं उनको आप कैसे देखते हैं?

जवाब- मैं कोई भविष्यवाणी नहीं करूंगा. आज की तारीख में लोग विकल्प चाहते हैं और लोग विकल्प ढूंढ लेंगे. विधानसभा चुनाव की तस्वीर बिल्कुल अलग होगी, सभी राज्यों में. सिर्फ इतना कहूंगा, जिस राज्य में इस तरह की घटना हो जाए, कि कोई किसी की हत्या कर दे और उसे आत्महत्या का नाम दे दिया जाए ऐसे में सरकार भी बदलना जरूरी है और सरोकार भी बदलना जरूरी है.

(इनपुट:आईएएनएस) 

 

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