बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का प्रभाव बिहार (Bihar) और झारंखड (Jharkhand) में भी दिखाई दिया. राजधानी पटना, रांची, दुमका, देवघर, पाकुड़, सासाराम, गया और जहानाबाद समेत कई जिलों में बैंक कर्मचारियों ने सरकार के आदेश के खिलाफ जमकर हल्ला बोला.
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Patna: देश का हर नागरिक किसी न किसी रूप में बैंक (Bank) से जुड़ा हुआ है. अगर आप बैंक में जाने की सोच रहे हैं तो दो दिन रुक जाएं. 16 और 17 दिसंबर को बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
दो दिन बंद रहेंगे बैंक
देशभर के करीब नौ लाख बैंक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं. बैंकों को प्राइवेट (Private) किए जाने के विरोध में बैंक कर्मचारी हल्ला बोल रहे हैं. निजिकरण के खिलाफ बैंक यूनियन ने हड़ताल की घोषणा की थी. बैंक यूनियन के एलान के बाद देशभर के बैंक कर्मचारी हड़ताल पर उतरे हैं.
बैंकों के निजीकरण का विरोध
उधर, देशव्यापी हड़ताल को लेकर यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के लोगों का कहना है कि बैंकों के निजीकरण से संबंधित प्रस्ताव का हर हाल में विरोध किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि निजीकरण से काफी लोगों का नुकसान हो रहा है.
बिहार और झारखंड में भी दिखा असर
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का प्रभाव बिहार (Bihar) और झारंखड (Jharkhand) में भी दिखाई दिया. राजधानी पटना, रांची, दुमका, देवघर, पाकुड़, सासाराम, गया और जहानाबाद समेत कई जिलों में बैंक कर्मचारियों ने सरकार के आदेश के खिलाफ जमकर हल्ला बोला.
बड़े आंदेलन की चेतावनी
बैंक कर्मियों ने बताया कि बैंक के निजीकरण के लिए किए जाने वाले बैंकिंग कानून में संशोधन, प्रतिकूल दिशा में ले जाने वाले बैंकिंग सुविधा का और बैंकों के निजीकरण का विरोध किया जा रहा है. साथ ही हड़तालियों ने कहा कि देश हित और जनता के हित में हम लोग हड़ताल कर रहे हैं. बैंक कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के नहीं मानने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
निजीकरण की पहल अच्छी नहीं
बैंककर्मी ने कहा कि सरकार की निजीकरण की नीतियां आने वाले समय में बैंकर्स के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. आज बैंक कर्मचारी देश की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं. निजीकरण के बाद बैंक कर्मचारियों की मेहनत का मुनाफा बैंक मालिकों के हाथ में जाएगा. जिसका संगठन विरोध कर रहा है. बैंककर्मियों ने सरकार को चेताते हुए कहा कि बैंक का निजीकरण आने वाले कल के लिए अच्छी पहल नहीं है.