नासरीगंज पुल चोरी कांड में बड़ी कार्रवाई, पुलिस ने मुखिया के बेटे को किया गिफ्तार
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नासरीगंज पुल चोरी कांड में बड़ी कार्रवाई, पुलिस ने मुखिया के बेटे को किया गिफ्तार

Nasriganj bridge Case:अप्रैल महीने में हुए लोहे के पूरे पुल की चोरी का मामला राष्ट्रीय स्तर पर खबरें बनी थी. मामले में जब स्थानीय पुलिस की किरकिरी हुई तो पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की. जिसमें सिंचाई विभाग के एक अभियंता, राष्ट्रीय जनता दल के नासरीगंज के प्रखंड अध्यक्ष के अलावे कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. 

 

नासरीगंज पुल चोरी कांड में बड़ी कार्रवाई, पुलिस ने मुखिया के बेटे को किया गिफ्तार

रोहतास: Nasriganj bridge:रोहतास के नासरीगंज से महत्वपूर्ण खबर आई है. नासरीगंज में अप्रैल नहर पर बना पुराना लोहे का पुल चोरी हो गया था. लोहे के पुल की चोरी के मामले में स्थानीय मुखिया दुलारी देवी के पुत्र तथा स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रियंका देवी के पति गांधी चौधरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. रोहतास एसपी आशीष भारती ने बताया कि गांधी चौधरी एक अपराधी है तथा दर्जनभर से अधिक मामलों में पुलिस को इसकी तलाश थी. 

कई लोगों की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि अप्रैल महीने में हुए लोहे के पूरे पुल की चोरी का मामला राष्ट्रीय स्तर पर खबरें बनी थी. मामले में जब स्थानीय पुलिस की किरकिरी हुई तो पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की. जिसमें सिंचाई विभाग के एक अभियंता, राष्ट्रीय जनता दल के नासरीगंज के प्रखंड अध्यक्ष के अलावे कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. जिस मामले में अब गांधी चौधरी की भी गिरफ्तारी हुई है. एसपी के अनुसार गिरफ्तार युवक बालू माफिया है तथा कई कांडों में संलिप्त है. इसके पास से एक फॉर्च्यूनर गाड़ी, 35 हज़ार रुपये नगद के अलावे गले में पहने हुए सोने के दो चेन एवं उंगलियों में में पहने 4 अंगूठी बरामद किया हैं.

ये था पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, पुल चोरी की यह घटना रोहतास जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर की था. यहां के आरा नहर पर वर्ष 1972 के आसपास बनाए गए लोहे के पुल को चोरों ने दिनदहाड़े चुरा लिया था. विभागीय अधिकारी बनकर कुछ लोग जेसीबी, पिकअप वैन, गैस कटर आदि लेकर पहुंचे और 3 दिनों में काट-काट कर पूरा पुल ही गायब कर दिया था. सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का झांसा देकर चोरों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मदद भी ली और उनकी मौजूदगी में पूरा पुल चुरा लिया. स्‍थानीय कर्मचारियों की मौजूदगी में चोर पुल को काट-काट कर पिकअप पर लादकर ले जाते रहे. यह क्रम 3 दिनों तक चलता रहा, लेकिन न तो स्‍थानीय कर्मचारियों और न ही आलाधिकारियों को इसकी भनक तक लग सकी. 

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