बेतिया और बगहा में पुलिस की वर्दी में लूट की कई वारदात सामने आई थी, जिसके बाद यहां के लोग पुलिस की वर्दी पहने लोगों से भी उतना ही खौफ खाने लगे थे जितना सूनसान रास्ते पर लूट-पाट करने वाले लुटेरे से. लगातार लूट की शिकायत आने और लूट में वर्दी पहने शख्स के होने की घटना ने बेतिया पुलिस को भी संकत में डाल दिया था.
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पटना: बीते कुछ दिनों से बेतिया और बगहा में पुलिस की वर्दी में लूट की कई वारदात सामने आई थी, जिसके बाद यहां के लोग पुलिस की वर्दी पहने लोगों से भी उतना ही खौफ खाने लगे थे जितना सूनसान रास्ते पर लूट-पाट करने वाले लुटेरे से. लगातार लूट की शिकायत आने और लूट में वर्दी पहने शख्स के होने की घटना ने बेतिया पुलिस को भी संकत में डाल दिया था. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर उठते सवालों के बीच एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू की और लूट के एक मामले की तहकीकात करते हुए उस शख्स तक जा पहुंचे जिसकी करतूत की वजह से पुलिस महकमा बदनाम हो रहा था.
2 पुलिसकर्मियों के साथ 4 अपराधी गिरफ्तार
बीते 14 मार्च को बेतिया के मझौलिया के सरिसवा बाजार में एक बड़े व्यवसायी से अपराधियों ने लूट और ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. जिसमें पुलिस ने मौके से दो अपराधियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए अपराधियों से पूछ ताछ में बड़ा खुलासा हुआ कि इस गैंग को 2 पुलिस कर्मी चलाते थे. जो मोतिहारी पुलिस लाइन में कार्यरत हैं. ये गैंग स्कॉर्पियो गाड़ी से घटना को अंजाम देते थे.
लूट और ठगी मामले में पुलिस की मिली भगत
लूट गैंग में शामिल एक सिपाही का नाम राकेश कुमार तो दूसरा सिपाही सतेंद्र कुमार सिंह है. वहीं इनका स्कॉर्पियो चालक राजा हसन हैं, जो वारदात में इनके साथ रहता था. जानकारी मिलने पर बेतिया एसपी ने स्पेशल टीम को गठित किया और मोतिहारी के लिए रवाना किया. जिसके बाद बेतिया की स्पेशल पुलिस टीम ने मोतिहारी पुलिस लाइन से तीनों को गिरफ्तार किया है.
गिरफ्तार पुलिसकर्मी और ड्राइवर के पास से लूट के 33 सौ रुपये समेत 4 मोबाइल फोन, एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई है. इतना ही नहीं ये पुलिसकर्मी बगहा में आभूषण की दुकान में हुई लूट में भी शामिल थे, और एक दिन पहले ही मझौलिया में व्यवसायी से 58 हजार की ठगी की थी.
नकली नोट के कारोबार में भी शामिल होने का शक
इस गिरोह के सदस्यो की गिरफ्तारी के बाद इसके नकली नोट के संचालन के नेटवर्क में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. क्योंकि आरोप है कि ये व्यवसाइयों को एक लाख असली नोट के बदले 3 लाख नकली नोट लेने देन का कारोबार भी करते थे. इनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि इन पुलिसकर्मियों का लूट के किस गिरोह के साथ सांठगांठ था और इनका नेटवर्क कितना बड़ा है.
(इनपुट- धनंजय)
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