पटनाः Light The Lamp Importance of Deepak: जैसे-जैसे दिन बढ़ रहे हैं, चंद्रमा की कलाएं घटती जा रही हैं. एक-एक तिथि अमावस्या की ओर बढ़ रही है. अमावस्या यानी वह रात, जब चारों ओर अंधकार छाया रहता है. प्रकाश की एक रेखा भी नहीं. ऐसे समय उम्मीद की एक किरण बनकर जगमगाता है एक दीपक. प्रकाश भले ही कुछ कम, लेकिन अंधेरे से लड़ जाने की ताकत पूरी. जरा सी लौ, चारों ओर छाए अंधेरे को मात दे देती है. 


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बृहदारण्यकोपनिषद् की सूक्ति तमसो मा ज्योतिर्गमय, यानी अंधकार से प्रकाश की ओर गमन की चेष्टा है दीपक. इसी साहस के पर्व का नाम है दीपावली, जब कार्तिक अमावस्या की घनी अंधेरी रात में असंख्य दीपक मिल-जुल कर अंधेरे का नाश कर देते हैं. 


भविष्य पुराण में दीपक जलाने का नियम


असल में दीपक, सिर्फ अंधेरे का नाशक नहीं है. यह मन में दबी अनंत इच्छा का रूप भी है. देवपूजन में दीपक का स्थान इसीलिए सबसे ऊपर है. हम जब दीपक जला रहे होते हैं तो अपनी मनोकामना के पूरे होने की इच्छा भी रखते हैं. भविष्य पुराण में दीपक और उसे जलाने वाले की कामना का वर्णन बहुत ही विस्तार से किया गया है. जहां ऐसे कई तरीके बताए गए हैं, जिनसे दीपक जलाकर हम अपने अनुष्ठान और मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. 



1. घर के मंदिर में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए. आर्थिक लाभ होता है.


2. शत्रु पीड़ा से राहत के लिए भैरव महाराज के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिये.


3. भगवान सूर्य की पूजा में घी का दीपक जलाना चाहिए.


4. शनि देव की पूजा के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.


5. पति की दीर्घायु के लिए गिलोय के तेल का दीपक जलाना चाहिए.


6. राहु तथा केतु के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए.


7. किसी भी देवी या देवता की पूजा में गाय का शुद्ध घी तथा एक फूल बत्ती या तिल के तेल का दीपक आवश्यक रूप से जलाना चाहिए.


8. दुर्गा देवी की पूजा, मां सरस्वती की पूजा में दो मुखों वाला दीपक जलाना चाहिए.


9. भगवान गणेश की कृपा-प्राप्ति के लिए तीन बत्तियों वाला घी का दीपक जलाना चाहिए.


10. भैरव साधना के लिए सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए.


11. मुकदमा जीतने के लिए पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए.


12. भगवान कार्तिकेय की प्रसन्नता के लिए गाय के शुद्ध घी या पीली सरसों के तेल का पांच मुखी दीपक जलाना चाहिए.


13. भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए आठ तथा बारह मुखी दीपक पीली सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए.


14. भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए सोलह बत्तियों का दीपक जलाना चाहिए.


15. लक्ष्मी जी की प्रसन्नता केलिए घी का सात मुखी दीपक जलाना चाहिए.


16. भगवान विष्णु की दशावतार आराधना के समय दस मुखी दीपक जलाना चाहिए.


17. इष्ट-सिद्धि तथा ज्ञान-प्राप्ति के लिए गहरा तथा गोल दीपक प्रयोग में लेना चाहिए.


18. शत्रुनाश तथा आपत्ति निवारण के लिए मध्य में से ऊपर उठा हुआ दीपक प्रयोग में लेना चाहिए.


19. लक्ष्मी-प्राप्ति के लिए दीपक सामान्य गहरा होना चाहिए. 


20. हनुमानजी की प्रसन्नता के लिए तिकोने दीपक का प्रयोग करना चाहिए और उसमें चमेली के तेल का प्रयोग करना चाहिए.


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