Patna and Patilputra University: पटना यूनिवर्सिटी में अस्सिटेंट प्रोफेसर के 592 पद, गेस्ट फैक्लटी की संख्या 113 यानि कुल मिलाकर 378 शिक्षक काम कर रहे हैं.
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पटना: Patna and Patilputra University: रामधारी सिंह दिनकर, बिधान चंद्र राय, जयप्रकाश नारायण, रविशंकर प्रसाद, जयप्रकाश नड्डा, लालू प्रसाद यादव...इन नामों में क्या समानता है. समानता ये है कि ये सभी पटना विश्वविद्यालय (Patna University) के पूर्ववर्ती छात्र हैं. लेकिन सवाल ये है कि पटना यूनिवर्सिटी का इतिहास जितना भव्य है क्या वर्तमान को उतना ही भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है? जवाब ये है कि वर्तमान के साथ पटना विश्वविद्यालय का भविष्य भी खराब नजर आ रहा है.
पटना विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, अस्सिटेंट या फिर एसोसिएट प्रोफेसर इन सभी पद पर काफी रिक्तियां हैं. अगर पढ़ाने वाले शिक्षक न हों तो फिर छात्र कैसे पढ़ेंगे. बिहार के सबसे पुराने कॉलेज की तौर पर पहचान रखने वाले पटना कॉलेज की स्थिति भी बेहदर खराब है. यहां पटना कॉलेज का जिक्र इसलिए जरूरी है क्योंकि ये कॉलेज ऑर्ट्स की पढ़ाई के लिए मशहूर है और यहां से सैंकड़ों की संख्या में छात्र पढ़कर आईएएस और आईपीएस बने हैं.
कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा भी इन बातों को स्वीकार करती हैं. हालांकि, मगध महिला कॉलेज की स्थिति थोड़ी बेहतर है. खुद पटना और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के कुलपति भी शिक्षकों की कमी की बात स्वीकार करते हैं. हालांकि अब इन विश्वविद्यालयों को गेस्ट फैकल्टी का सहारा है. दोनों यूनिवर्सिटी में गेस्ट फैकल्टी को नियुक्ति का काम जारी है. पटना यूनिवर्सिटी में छह जून से गेस्ट फैकल्टी के इंटरव्यू होंगे.
एक नजर पटना यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के पद और उनके खाली पड़े पदों पर-
पटना यूनिवर्सिटी में अस्सिटेंट प्रोफेसर के 592 पद, गेस्ट फैक्लटी की संख्या 113 यानि कुल मिलाकर 378 शिक्षक काम कर रहे हैं. हालांकि, गेस्ट फैकल्टी को आप अस्थाई शिक्षक ही बोल सकते हैं. हिंदी में 27 पद आवंटित गेस्ट फेकल्टी के साथ 17 शिक्षक काम कर रहे हैं. अंग्रेजी में 28 पद आवंटित गेस्ट फेकल्टी के साथ 21 शिक्षक हैं.
इतिहास में 26 सीट आवंटित और 23 सीट खाली है. रसायन में 35 पद है और पंद्रह सीट खाली है. भौतिकी में 30 पद है और 11 जगह खाली है. अर्थशास्त्र में 32 पद है और 13 शिक्षक काम कर रहे हैं. राजनीतिक शास्त्र में 25 सीट आवंटित हैं और 12 लोग काम कर रहे हैं 13 रिक्त
ये तो बात पटना विश्वविद्यालय की थी. अब बात करेंगे पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी की. इस यूनिवर्सिटी में शिक्षकों के 1124 पद आवंटित हैं लेकिन काम कर रहे शिक्षकों की संख्या सिर्फ 693 है यानि 431 पोस्ट खाली हैं. पाटिलपुत्र विश्वविद्यालय के कुछ अहम कॉलेजों में रिक्त पदों की संख्या देख लीजिए
बीडी इवनिंग कॉलेज में 63 पद रिक्त
अनुग्रह नारायण कॉलेज में 73 पद रिक्त
कॉलेज ऑफ कॉमर्स में 105 पद रिक्त
टीपीएस कॉलेज में 21 पद रिक्त
जेडी विमेंस कॉलेज में 34 पद रिक्त।
दो साल पहले सितंबर 2020 में विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने 4600 पदों के लिए बहाली निकाली थी. लेकिन बीस महीनों में अब तक ये भर्ती पूरी नहीं हो सकी है. हालांकि पटना विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय दोनों में गेस्ट फेकल्टी की बहाली हो रही है. बेशक जुलाई में पटना यूनिवर्सिटी को 206 गेस्ट फेकल्टी मिल जाएगी. लेकिन छात्रों को शिक्षा की पूरी गुणवत्ता चाहिए न कि समझौते वाली क्लास.