पटनाः Nimbu-Mirchi Reason: आपने अक्सर घरों के बाहर, या दुकान-भवन के ठीक गेट पर ही नींबू-मिर्ची टंगे-लटके देखा होगा. क्या आप इसकी वजह जानते हैं. ऐसा क्यों किया जाता है. उद्घाटन के ठीक बाद सबसे पहले दुकानदार पांच या सात नींबू का एक गुच्छा दरवाजे पर धागे से बांध कर लटका देते हैं. इसके पीछे कोई काली नजर, बुरी छाया वाली वजह नहीं है, बल्कि एक धार्मिक और पौराणिक कथा इसका कारण है. 


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समुद्र मंथन से जुड़ी है कथा
ये कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. जब समुद्र मंथन हुआ तो देवी लक्ष्मी का जन्म एक रत्न के तौर पर हुआ, लेकिन ठीक इससे पहले ही देवी अलक्ष्मी का जन्म हुआ था. देवी अलक्ष्मी, लक्ष्मी जी की बहन ही मानी जाती हैं. कुछ कथाओं के अनुसार मानना है कि देवी अलक्ष्मी ही वारुणी लेकर निकली थीं, इसलिए उनकी गिनती रत्नों में नहीं होती है.  देवी अलक्ष्मी का विवाह उद्दालक नाम के मुनि से हुआ था. 


अलक्ष्मी ने नहीं किया आश्रम में प्रवेश
कथा के अनुसार जब मुनि देवी अलक्ष्मी को लेकर अपने आश्रम गए तो अलक्ष्मी ने उस आश्रम में प्रवेश करने से मना कर दिया. जब मुनि ने इसका कारण पूछा तो देवी अलक्ष्मी ने बताया कि वे कैसे घरों में निवास करती हैं और कैसे जगहों पर वे प्रवेश भी नहीं करतीं. देवी अलक्ष्मी के द्वारा बताई गई बातों से धन हानि के कारणों और उनसे बचाव के बारे में आसानी से जाना जा सकता है.


पसंद है तीखी-खट्टी चीजें
देवी अलक्ष्मी कहती हैं कि मैं सिर्फ उन ही घरों में जाती हूं जो घर गंदे रहते हों, जहां के लोग हर समय लड़ाई-झगड़ा करते रहते हों, जहां लोग गंदे कपड़े पहनते हों और जहां रहने वाले लोग अधर्म या गलत काम करते हों. जिन घरों में हमेशा साफ-सफाई रहती हो, यहां को लोग सुबह जल्दी उठते हों, रोज भगवान की पूजा-अर्चना करते हों, साफ कपड़े पहनते हों, ऐसी जगहों पर देवी अलक्ष्मी प्रवेश नहीं कर पाती. ऐसे घरों में देवी लक्ष्मी का अधिकार होता है. मान्यता है कि देवी अलक्ष्मी को तीखी और खट्टी वस्तुएं पसंद हैं और इसी वजह से घर-दुकान के बाहर नींबू-मिर्ची टांगे जाते हैं.


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