...तो क्या आरएलएसपी के मुद्दे को आरजेडी ने किया 'हैक'
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...तो क्या आरएलएसपी के मुद्दे को आरजेडी ने किया 'हैक'

जेडयू और बीजेपी ने आरजेडी पर आरएलएसपी के मुद्दे को हाईजैक करने का आरोप लगाया है तो आरजेडी ने कहा कि हमें जानकारी नहीं की आरएलएसपी का पहले से मार्च प्रस्तावित था. 

आरएलएसपी का आक्रोश मार्च पहले से प्रस्तावित था लेकिन तेजस्वी यादव का दिल्ली में आज आक्रोश मार्च है. (फाइल फोटो)

रूपेन्द्र श्रीवास्तव ,पटना: बिहार में महागठबंधन की दो पार्टियां आज दिल्ली में 13 पॉइंट मुद्दे को लेकर कर मार्च रही है. जेडीयू और बीजेपी ने आरजेडी पर आरएलएसपी के मुद्दे को हाईजैक करने का आरोप लगाया है तो आरजेडी ने कहा कि हमें जानकारी नहीं की आरएलएसपी का पहले से मार्च प्रस्तावित था. 

बिहार की राजनीती में मुद्दे भी हाईजैक हो रहे हैं. एनडीए से अलग होकर हाल ही में महागठबंधन शामिल होने वाली आरएलएसपी ने आज 13 पॉइंट मुद्दे को लेकर दिल्ली में संसद भवन तक आक्रोश मार्च कर रही है जिसका ऐलान पहले ही कर दिया गया था. लेकिन तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखकर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया. अब आरजेडी के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि हमें इस बात की जानकारी नहीं है. 

उन्होंने कहा है कि आरएलएसपी का आक्रोश मार्च पहले से प्रस्तावित था लेकिन तेजस्वी यादव का दिल्ली में आज आक्रोश मार्च है. आरएलएसपी का अपना कोई कार्यक्रम होगा तो वो करेंगे और तेजस्वी यादव अपना कार्यक्रम करेंगे. इसमें हाईजैक करने का कोई सवाल नहीं है. इस बयान के आने के बाद जेडीयू ने आरजेडी पर निशाना साधा है.

पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि आरजेडी वाले मुद्दे को भी हड़प सकते हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने आक्रोश मार्च को लेकर कई दलों से बात की लेकिन तेजस्वी ने पीएम को पत्र लिखकर मुद्दा ही हड़प लिया. आरजेडी छोटी मछलियों को निगलने वाली पार्टी है और उसके सहयोगी पार्टी साथ में रह कर असहज महसूस कर रहे हैं. अब उपेंद्र कुशवाहा का दर्द सामने आएगा. यह साफ हो गया की आरजेडी ने बीजेपी या जेडयू के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया है बल्कि अपने नये सहयोगी के साथ किया है. 

बीजेपी ने तेजस्वी यादव और उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधा है और कहा है कि आरजेडी किसी भी मुद्दे और सम्पति को हड़पने, अपने किसी व्यक्ति को छोटा दिखाने  की  संस्था है. उपेंद्र कुशवाहा को पता चलेगा कि उनको महागठबंधन में कितना आत्मशांति मिल रहा है और कितना सम्मान मिलता है.

कहते हैं कि राजनीति में न कोई अपना होता है और न ही कोई पराया होता है, सभी सुविधा के हिसाब से गठबंधन बनाते हैं. अब जब एक ही गठबंधन की दो पार्टियां एक ही मुद्दे पर एक ही दिन अलग अलग मार्च कर रहे हो तो राजनीति होना लाजमी है.