पटनाः वंदे मातरम बोलने को लेकर बिहार में एकबार फिर सियासी बवाल मच गया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय के बयान को सहयोगी पार्टी जेडीयू ने खारिज कर दिया है, तो आरजेडी ने बयान को लेकर नित्यानंद राय को मवाली बता दिया है. वहीं, बीजेपी पूरे मामले पर सबको कठघरे में खड़े कर रही है कि आखिर देश में रहना है तो वंदे मातरम बोलने पर क्या आपत्ति है.


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बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि इस देश में रहने वाले अगर वंदे मातरम नहीं बोलते हैं तो वो देश के साथ धोखा कर रहे हैं. कटिहार में बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय का दिया गया बयान बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है. बहस इस बात को लेकर है कि वंदे मातरम बोला जाना अनिवार्य है या नहीं. बीजेपी अध्यक्ष के बयान को जेडीयू ने खारिज कर दिया है. 


जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि वंदे मातरम बोलना या न बोलना ये भावनात्मक मुद्दा है. इसके लिए किसी को फोर्स नहीं किया जा सकता या किसी पर ये मुद्दा थोपा नहीं जा सकता है. वंदे मातरम बोलने के लिए लोगों को प्रेरित जरुर किया जा सकता है. 


वहीं, कांग्रेस ने नित्यानंद राय के बयान की निंदा की है. कांग्रेस नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा है जिनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है वो वंदे मातरम पर भाषण दे रहे हैं. नाथूराम गोडसे के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी के नेता आखिर किस हैसियत से देशभक्ति की बात करती है. बीजेपी वाले नकली देशभक्ति का चोला पहने हुए हैं. वंदे मातरम बोलना है या नहीं बोलना है ये बीजेपी के नेता नहीं तय कर सकते. 



नित्यानंद राय के बयान से आरजेडी कुछ ज्यादा ही आहत नजर आ रही है. पार्टी के विधायक राहुल तिवारी ने कहा है कि नित्यानंद राय मवाली की तरह बयान दे रहे हैं. नित्यानंद राय कौन होते हैं किसी को नसीहत देने वाले, किसको क्या करना है या कहना है ये संविधान में लिखा हुआ है. बीजेपी की सोच हमेशा से समाज में तनाव फैलाने वाली और समाज को तोडने वाली रही है.


बीजेपी ने वंदे मातरम को लेकर सहयोगी समेत दूसरे दलों के आए बयान पर चुटकी ली है. बीजेपी पार्टी के प्रवक्ता अजित कुमार ने कहा है कि जब आप देश मे रहते हैं तो वंदे मातरम बोलने में क्या बुराई और किस बात का डर है. वंदे मातरम बोलने से शरीर मे ऊर्जा का संचार होता है और लोगों को वंदे मातरम तो बोलना ही चाहिए.