केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव बोले, 'मीसा के लिए कटा हुआ हाथ भी आर्शीवाद के लिए उठेगा'
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केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव बोले, 'मीसा के लिए कटा हुआ हाथ भी आर्शीवाद के लिए उठेगा'

रामकृपाल यादव ने मीसा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसा बयान कहीं से शोभा नहीं देता.

मीसा भारती के बयान पर रामकृपाल यादव ने प्रतिक्रिया दी है. (फाइल फोटो)

पटनाः केंद्रीय मंत्री और बिहार के पाटलिपुत्र से बीजेपी के सांसद रामकृपाल यादव के खिलाफ लालू यादव की बेटी मीसा भारती के बयान पर सियासत तेज होते जा रही है. मीसा भारती ने रामकृपाल यादव के खिलाफ 'हाथ काट देने' का बयान दिया था. इस बयान पर रामकृपाल यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लोकतंत्र में ऐसा बयान कहीं से शोभा नहीं देता, फिर भी भतीजी के लिए उनका हाथ आशीर्वाद के लिए ही उठेगा.

आपको बता दें कि पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से मीसा भारती चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भी मीसा भारती ने इस सीट पर अपनी किस्मत आजमायी थी. हालांकि उन्हें रामकृपाल यादव से शिकस्त मिली थी. इस बार फिर वह पाटलिपुत्र सीट से उन्हें टक्कर देने मन बना रही है. लेकिन आरजेडी के अंदर भी पाटलिपुत्र सीट को लेकर घमासान मचा है.

पाटलिपुत्र क्षेत्र के सांसद रामकृपाल यादव ने मीसा के बयान पर संवाददाताओं से कहा, "मीसा भारती मेरी भतीजी है और वह मेरी बेटी के समान है. अगर, मेरे हाथ काट देने से उसकी संतुष्टि होती है, तो मैं उसके लिए तैयार हूं. मेरा कटा हुआ हाथ भी उसे आशीर्वाद देने के लिए ही उठेगा." 

उन्होंने कहा, "हमारी शुभकामना हमेशा उसके साथ है. भाजपा सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा बयान जनता का सेवक नहीं दे सकता, बल्कि कोई शासक ही दे सकता है." 

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने 16 जनवरी को पटना के विक्रम प्रखंड में पाटलिपुत्र के सांसद रामपाल यादव का हाथ काटने की बात कही थी. मीसा के इस बयान का वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें मीसा कहती नजर आ रही हैं, "रामपाल यादव कुट्टी (चारा) काटते थे. उनके लिए हमारे मन में बहुत सम्मान था. उनको हाथ पकड़कर राजनीति करना सिखाया गया, लेकिन उनके लिए हमारा यह सम्मान तब खत्म हो गया जब वह सुशील कुमार मोदी की किताब को हाथ में लेकर खड़े थे. उस समय मेरा मन किया कि उसी चारा काटने वाली मशीन से उनके हाथ काट दूं."

गौरतलब है कि रामपाल यादव पहले आरजेडी में थे और उन्हें लालू प्रसाद का 'हनुमान' कहा जाता था. लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वे उन्होंने आरेजडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.