JPSC आवेदन शु्ल्क घटाए जाने पर बोली BJP- ये तो ठीक है, युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का क्या हुआ?
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JPSC आवेदन शु्ल्क घटाए जाने पर बोली BJP- ये तो ठीक है, युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का क्या हुआ?

घोषणा पत्र में यह भी था कि हम पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को, 7000 ग्रेजुएट को 5000 बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का भी सपना इन्होंने दिखाया था. इस सरकार की कथनी और करनी में काफी फर्क है.

JPSC आवेदन शु्ल्क घटाए जाने पर बोली BJP- ये तो ठीक है, युवाओं के बेरोजगारी भत्ते का क्या हुआ?

Ranchi: झारखंड लोक सेवा आयोग यानि जेपीएससी (JPSC) ने संयुक्त सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए शुल्क की राशि कम कर दी गई है. छात्र इस फैसले के बाद हेमंत सरकार का धन्यवाद भी कर रहे हैं. वहीं अब इस मामले को लेकर झारखंड में सियासत भी चरम पर है.

अब इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अनारक्षित, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों को 600 रुपये की जगह मात्र एक सौ रुपये ही परीक्षा शुल्क देने होंगे. वहीं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा आदिम जनजाति के अभ्यर्थियों को 150 रुपये की जगह 50 रुपये ही परीक्षा शुल्क देने होंगे. आयोग ने इस संबंध में सूचना जारी कर दी है. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए 15 फरवरी से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे.

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इस बार चार जेपीएससी (JPSC) 7वीं से 10वी  की परीक्षा एक बार में ही हो रही है. 252 पदों के लिए परीक्षा ली जाएगी. मई में प्रारंभिक परीक्षा होगी. अधिसूचना जारी होने के बाद विपक्षी दलों ने परीक्षा शुल्‍क को लेकर सवाल उठाए थे. इसके बाद सरकार ने परीक्षा शुल्‍क को कम कर दिया है.

जेपीएससी (JPSC) के शुल्क कम कर रहे हैं. इसको लेकर सुबह के मुखिया हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने जो राज्य की जनता से वादा किया है उसे बारी-बारी से पूरा करने की दिशा में हमने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया और इसी कड़ी में यह फैसला लिया गया है.

सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी के विधायक सीपी सिंह (BJP MLA CP Singh) ने कहा कि राज्य सरकार ने जो छात्र के हित में फैसला लिया है. इसका हम स्वागत करते हैं लेकिन इसका विरोध करते हैं कि राज्य सरकार सिर्फ ठगने का काम करती है. सरकार की कोई इच्छाशक्ति नहीं है. सरकार ने पहले ही युवाओं को ठगने का काम किया है. 

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घोषणा पत्र में यह भी था कि हम पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को, 7000 ग्रेजुएट को 5000 बेरोजगारी भत्ता देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का भी सपना इन्होंने दिखाया था. इस सरकार की कथनी और करनी में काफी फर्क है.

वहीं विपक्ष के आरोप पर पलटवार करते जेएमएम (JMM) कोटे से मंत्री मिथिलेश ठाकुर (Mithilesh Thakur) ने कहा कि सरकार ने युवाओं के हित में यह फैसला लिया है. हमारी सरकार अपने वादों को पूरा करने में लगातार प्रयासरत है, हम विपक्ष के बातों पर कोई ध्यान नहीं देते. हम अपने राज्य के विकास के साथ हर एक कदम आगे बढ़ाने में जुटे हैं. विपक्ष सिर्फ झूठ का राग अलापने में जुटी हुई है. 

वहीं, कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार लगातार युवाओं के हित के लिए काम कर रहे हैं. चाहे जेपीएससी (JPSC) का आवेदन शुल्क कम करना हो या फिर नियोजन नीति, इन तमाम बिंदुओं पर हमारी सरकार लगातार काम कर रही है. राज्य के युवाओं को कैसे रोजगार मुहैया हो इस दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि 5 लाख छात्रों के सहयोग से रोजगार खड़े करने के लिए मुख्यमंत्री ने कई प्रयास किए हैं. ऐसे में विपक्ष को इतना भी समझ नहीं आ रहा पीएसएल में  रोजगार देने के लिए काम किया जा रहा है.

वही जेपीएससी (JPSC) की तैयारी कर रहे छात्रों का कहना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है लेकिन पहले अगर सरकार इसे कम कर अधिसूचना जारी करती तो अच्छा रहता.