सुशांत मामले में महाराष्ट्र सरकार परेशान दिख रही है, जरूर दाल में कुछ काला है: BJP
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सुशांत मामले में महाराष्ट्र सरकार परेशान दिख रही है, जरूर दाल में कुछ काला है: BJP

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद भी महाराष्ट्र सरकार बेशर्म बनी है. बिहार कैडर के आईपीएस विनय तिवारी को अभी भी क्वारंटाइन किया हुआ है.

 

बिहार में सुशांत मामले पर बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है.

पटना: बॉलीवुड (Bollywood) के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कथित आत्महत्या (Suicide) के मामले में बिहार सरकार ने सीबीआई (CBI) जांच की सिफारिश कर दी है और इसको केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. लेकिन बिहार में इस पर बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है.

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि, सुशांत सिंह के चाहने वालों को अब यकीन हो गया कि, अब न्याय मिलेगा. ईडी (ED) की कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है. महाराष्ट्र शासन पर जो परेशानी दिख रही है, उससे लगता है कि, दाल में कुछ काला है.

वहीं, बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद भी महाराष्ट्र सरकार बेशर्म बनी है. बिहार कैडर के आईपीएस विनय तिवारी को अभी भी क्वारंटाइन किया हुआ है. महाराष्ट्र द्वारा सुशांत से जुड़े सबूतों को मिटाए जाने की बात सत्य प्रतीत होती है.

उन्होंने अपील किया है कि, कोई भी व्यक्ति सुशांत से जुड़े सबूतों की जानकारी मुंबई पुलिस को न दे. किसी के पास सबूत और जानकारी है तो वो बिहार पुलिस या सीबीआई को ही दे. सुशांत केस में सीबीआई जांच के लिए प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और सीएम नीतीश का शुक्रिया.

इधर, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, सुशांत सिंह मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. इससे पहले भी कुछ ऐसे मामले हैं, जिसे सीबीआई ने लटका कर रख दिया है. सुशांत सिंह मामले में सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी करें और असली गुनाहगार को सामने लाएं. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

आरजेडी नेता ने कहा कि, पहले कई ऐसे मामले देखने में आए हैं, जिसमें केंद्र सरकार ने सीबीआई का उपयोग राजनीति साधने के लिए किया है. देश की जनता चाहती है कि, सुशांत सिंह और उनके परिवार को न्याय मिले इसलिए इसे राजनीति से दूर रखना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि, मेरी समझ से अब इस पर कोई राजनीतिक बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. जब सीबीआई जांच की जिम्मेदारी निभाएगी तो, पूरी तरह से मामला अब केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के अधीन है. जन भावना है कि, सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को न्याय कैसे मिलेगा. इसको लेकर अब संबंधित एजेंसियों को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके.