ऋतुराज सिन्हा ने इसे जातिवादी राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण बताया. उन्होंने कहा, 'जातीय राजनीति की मलाई खाने वाले अपना नया प्रपंच लेकर तैयार हैं. बिहार की विभाजनकारी सरकार, अंग्रेजों की फूट डालो, राज करो की नीति से प्रेरित है.'
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Bihar Caste Code: बिहार में जातीय गणना का दूसरा चरण शुरू होने से पहले सभी जातियों के लिए एक कोड जारी किया जाना बीजेपी को रास नहीं आया है. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है. सिन्हा का कहना है कि नीतीश सरकार ने बिहारियों की मूल पहचान को समाप्त करने का काम किया है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी को साथ लाने का काम कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज को तोड़ रहे हैं.'
बीजेपी नेता ने कहा, 'पीएम मोदी की ओर से सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया जा रहा है. वह सभी को एक साथ लाने का काम कर रहे हैं, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री बिहारियों को विभाजित करने का काम कर रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'विभाजनकारी सरकार के इस कदम से अब बिहारियों की पहचान समाप्त हो जाएगी. नीतीश कुमार ने बिहारियों को 216 टुकड़ों में विखंडित करने का काम किया है और उस पर नंबर कोड का ठप्पा लगा दिया है.'
'जातिवादी राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण'
ऋतुराज सिन्हा ने इसे जातिवादी राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण बताया. उन्होंने कहा, 'जातीय राजनीति की मलाई खाने वाले अपना नया प्रपंच लेकर तैयार हैं. बिहार की विभाजनकारी सरकार, अंग्रेजों की फूट डालो, राज करो की नीति से प्रेरित है.' बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने भी इस कदम की आलोचना की है. उन्होंने कहा, 'नीतीश सरकार ने संविधान के विपरीत जाकर यह काम किया है.'
संविधान से खिलवाड़ करने का आरोप
जायसवाल ने कहा, 'बाबा साहेब के बनाए संविधान में दलितों के लिए कोई जाति नहीं होने की बात कही गई है. यह संविधान के खिलाफ है कि ईसाई हरिजन कर उनके लिए अलग से गिनती की जाए.' हिन्दूओं और मुस्लिमों की गिनती साथ में कराने पर भी उन्होंने आपत्ति जताई और कहा, 'हिन्दूओं के साथ मुस्लिमों की गिनती कराना कहीं से भी सही नहीं है.