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पटना: बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (Bihar State Road Transport Corporation) एक लंबे अरसे बाद अपनी गाड़ियां सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रहा है. 50 की संख्या में डिलक्स बसें पटना स्थित परिवहन भवन में पहुंच चुकी हैं. अब इन बसों को सूबे के अलग-अलग डिपों में भेजा जाएगा. अगले महीने डिलक्स बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा यानि बिहार के हजारों मुसाफिरों को जिन डिलक्स बसों से सफर करने पर महंगा किराया देना होता था, उन बसों का सफर करने के लिए अब उन्हें अपनी जेब ज्यादा ढीली नहीं करनी पड़ेगी.


ये बसें अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस भी हैं. इन सभी बसों के राज्य भर में मौजूद प्रमंडलीय स्तरीय डिपो में भेजा जाएगा. बिहार में इस वक्त हजारों की संख्या में डिलक्स बसें चलती हैं. लेकिन ये बसें निजी होती हैं. केवल इसे बीएसआरटीसी की अंडरटेकिंग मिली होती है. लेकिन अब बीएसआरटीसी खुद की अपनी बसें चलाएगा. मुसाफिर भी मानते हैं कि निजी बसों से सफर महंगा होता है इसलिए सरकारी बसों का संचालन जरूरी हो गया है.


दरअसल, संयुक्त बिहार (Bihar) में बसों का परिचालन बीएसआरटीसी के हाथों में ही था. पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, गया, मुंगेर, रांची, देवघर सहित दूसरे डिपों से हजारों गाड़ियां चलती थी, जिसे सरकारी बसें कहा जाता था. लेकिन साल 1995 के बाद बीएसआरटीसी की हालत बिगड़ती गई. जिसके बाद बीएसआरटीसी की गाड़ियां सड़कों पर कम होती गईं और इसकी जगह निजी बसों ने ले ली. अब एक अरसे बाद बीएसआरटीसी खुद की गाड़ियां सड़कों पर अगले महीने से चलाने जा रहा है. 


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वहीं परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल के मुताबिक, अगले महीने से इन बसों को शुरू कर दिया जाएगा. कोशिश है कि बस सेवा का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के हाथों हों.  इसके लिए उनसे समय मांगा जाएगा. हमने नई बसें मंगाई है. कुछ और नई बसें खरीदी जाएंगी. अगले महीने हमारी डिलक्स बस सेवा शुरू होगी. मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन की योजना है. एक लंबे अरसे बाद बीएसआरटीसी खुद की बसें उतारेगा. हम रियायती दरों पर बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराएंगे.


 आइए जानते हैं कि आखिर बीएसआरटीसी की नई बस सेवाओं में क्या खास होगा और ये किस तरह से आम यात्रियों को राहत देगी- 


  • बीएसआरटीसी के बेड़े में 50 नई बसें लाई गई हैं. 

  • इन बसों में डिलक्स,सेमी डिलक्स और एसी बसें शामिल हैं. ये बसें सीसीटीवी कैमरे, म्यूजिक सिस्टम, ऑडियो वीडियो सिस्टम और सस्पेंशन सीटों की सुविधाएं से लेस हैं. 

  • बसों में एक साथ 50 यात्रियों की बैठने की सुविधा होगी और टिकट ऑनलाइन भी कटाने का विकल्प होगा. 

  • बिहार में 9 प्रमंडलीय मुख्यालय वाले डिपो में पटना से ये बसें पहुंचेंगे. हर जिलों के जरिए बीएसआरटीसी की बसों को पटना तक आने जाने का है लक्ष्य. 

  • निजी बसों के मुकाबले बीएसआरटीसी की बसें किराए के मामले में सस्ती होगी. 

  • पहले बिहार में सभी बसों का संचालन बीएसआरटीसी के जिम्मे था. इसके बाद में बीएसआरटीसी की गाड़ियां बंद हो गई और निजी बसों ने इनकी जगह ली. 

  • बीएसआरटीसी का केवल सिर्फ निजी गाड़ियों को परमिट देने का रह गया. 

  • फिलहाल सिटी बसों का संचालन बीएसआरटीसी के जरिए होता है. 

  • फिलहाल नई बसों के रजिस्ट्रेशन का काम जारी है. 


यानि अगले महीने से बीएसआरटीसी की खुद की गाड़ियां सड़कों पर उतरेंगी. हालांकि, बिहार में गाड़ियों के जरिए सफर करने वालों की संख्या जितनी ज्यादा है उसके मुताबिक ये गाड़ियां काफी कम हैं. परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल के मुताबिक, कुछ और गाड़ियों की खरीदी होगी. 


बिहार में एक लंबे अरसे बाद बीएसआरटीसी की गाड़ियां फर्राटे मारती नजर आएगी. हालांकि बिहार में जितने मुसाफिर बसों से रोजाना सफर करते हैं, उस हिसाब से इन बसों की संख्या कम हैं. लेकिन बिहार के लोगों के लिए राहत ये है कि उन्हें निजी बसों की मनमानी से छुटकारा मिल सकेगा.