बिहार में भी हो सकता है दिल्ली जैसा हादसा, नगर विकास मंत्री ने जतायी चिंता
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बिहार में भी हो सकता है दिल्ली जैसा हादसा, नगर विकास मंत्री ने जतायी चिंता

बिहार सरकार के मंत्री भी मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या पटना में ऐसा हादसा नहीं हो सकता है? क्या पटना में सबकुछ नियम के मुताबिक और ठीक-ठाक है? 

बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री हैं सुरेश शर्मा. (फाइल फोटो)

पटना: दिल्ली की अनाज मंडी में हुआ हादसा बिहार (Bihar) में भी हो सकता है. पटना में बेतरतीब भवनों की बसावट ने सरकार को चिंतित कर दिया है. बिहार के नगर विकास मंत्री ने मामले पर चिंता जतायी है. वहीं, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने दावा किया है कि अगर कुछ सावधानियां बरती गई होती तो कई जानों को बचाया जा सकता था.

दिल्ली की अनाज मंडी में आग (Fire) और धूएं से 43 लोगों की मौत हो गई. इस बड़ी घटना ने बड़े पैमाने पर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर घटना क्यों घटी? क्या ऐसी घटना को रोका जा सकता है?

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बिहार सरकार के मंत्री भी मामले को लेकर बेहद चिंतित हैं. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या पटना में ऐसा हादसा नहीं हो सकता है? क्या पटना में सबकुछ नियम के मुताबिक और ठीक-ठाक है? पटना के पटना सिटी, महेंद्रू, दलदली, बजार समिति जैसे कई ऐसे इलाके हैं जहां इस तरह की घटना हुई तो भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है.

बिहार सरकार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा भी पटना में बेतरतीब बने घरों को लेकर चिंतित हैं. सुरेश शर्मा कहते हैं कि पटना में लोगों ने बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का उल्लंघन कर बड़े पैमानों पर घर बना लिया है. जो परेशानी का सबब बन सकते हैं. कई शिकायतें भी उनके पास आयी है. उन्होंने विभाग के अधिकारियों को मामले को गंभीरता से लेने की हिदायत भी दी है.

बिहार के बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक:

  • नये इलाकों में 40 फीट चौड़ी सडक पर ही बहुमंजिली इमारत बनायी जा सकती है.
  • पुराने इलाकों में ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए सड़कों की चौड़ाई 30 फीट रखी गई है.
  • 40 मीटर ऊंची इमारतों में ही व्यवसायिक काम किया जा सकता है.
  • 800 वर्ग मीटर से कम जमीन पर बहुमंजिली इमारत या अपार्टमेंट निर्माण का काम प्रतिबंधित है.
  • 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवन निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य है.
  • भवनों का भूकंपरोधी होना. उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था होना और सभी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य कर दिया गया है.

सरकार ही नहीं खासतौर पर आपदा से निपटने के लिए सुझाव और ट्रेनिंग देने वाली संस्था आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी घटना से चिंतित हैं. व्यास जी कहते हैं कि पटना में जिस तरह से बिल्डिंगों का बेतरतीब विकास हुआ है उसमें आग से ज्यादा भूकंप से खतरा है. हलांकि व्यास जी का ये भी दावा है कि प्राधिकरण की तरफ से आग भूकंप और चक्रवात को लेकर लगातार लोगों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. हलांकि व्यास जी की माने तो दिल्ली में जितने बड़े पैमाने पर जिंदगी का नुकसान हुआ उसे कम किया जा सकता था.