बस एसोसिएशन राज्य सरकार से तीन महीने की टैक्स माफ करने की मांग पर अड़ा हुआ है. बस एसोसिएशन इसको लेकर बाकी राज्यों का हवाला दे रहा है.
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रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार शर्तो के साथ लॉकडाउन (Lockdown) की अवधि को 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है. लॉकडाउन के कारण सूबे में बसों के पहिये थमे हुए हैं. झारखंड में लगभग कुल 5 हजार बसें है, जिसका परिचालन होता है.
राजधानी रांची की बात करें तो, यहां से अकेले लगभग 500 इंटर स्टेट की बसें खुलती हैं. एक बस से लगभग 15 लोगों की आजीविका प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से जुड़ी होती है. झारखंड में बस एसोशिएशन लॉकडाउन की अवधि के टैक्स माफ करने की मांग को लेकर आंदोलन की राह पकड़ने की चेतावनी राज्य सरकार को दे रही है तो, बस के ड्राइवर से लेकर खलासी तक पड़ोसी राज्यों का हवाला देते हुए बस परिचालन शुरु करने की मांग कर रहा हैं.
बस का पहिया थमें होने के कारण स्टैंड की दुकाने भी बन्द रही हैं. बस के पार्ट पुर्जो से लेकर चक्का रिपेयरिंग का काम भी ठप्प है. इधर, रांची के बिरसा मुंडा बस स्टैंड में हर दिन लगभग 500 बसों का परिचालन होता है. लेकिन लॉकडाउन में यहां बसों के पहिये लॉक हैं.
कमोबेश ऐसी ही तस्वीर झारखंड के सभी बस अड्डों की है. बस के परिचालन की अनुमति नहीं होने से बस अड्डों की सारी दुकानें अब तक बन्द हैं. वहीं, बस के खलासी से लेकर ड्राइवर तक का कहना है कि, इन्हें बस के काम के अलावा और कोई काम नहीं आता है. लेकिन बस नहीं चलने के कारण घर चलाने में परेशानी हो रही है. बस मालिक से जब हम लोग पैसे मांगते हैं तो, उनका जवाब होता है कि, गाड़ी खड़ी है. कहां से पैसा लाएं, जैसे होता है मैनेज करके खाओ.
इधर, बस बुकिंग एजेंट का कहना है कि, सिर्फ पेट भरने भर की चिंता नहीं है. इसके अलावा भी घर परिवार की कई जिम्मेदारी है. जबकि, बस स्टैंड में ही टायर रिशोल बनाने वाले का कहना है कि, काम ठप्प है, स्टाफ जा चुका है और जो बसें खड़ी हैं, उसका इक्का-दुक्का काम मिल रहा है.
वहीं, बस एसोसिएशन राज्य सरकार से तीन महीने की टैक्स माफ करने की मांग पर अड़ा हुआ है. बस एसोसिएशन इसको लेकर बाकी राज्यों का हवाला दे रहा है. साथ ही, आंदोलन की राह पकड़ने की चेतावनी भी दे रहा है.