निशिकांत दुबे की आवाज बंद करने के लिए दर्ज कराई गई FIR: दीपक प्रकाश
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निशिकांत दुबे की आवाज बंद करने के लिए दर्ज कराई गई FIR: दीपक प्रकाश

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि,निशिकांत दुबे सरकार पर लगातार आक्रामक रहे हैं, उनकी बोलती बंद करने के लिए इस तरह का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन वो अपने स्वभाव के अनुरूप सच को सामने लाते रहेगें.

 दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने कहा कि, राजनीतिक विद्वेष के तहत मामला दर्ज कराया गया है. (फाइल फोटो)

रांची: गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ देवघर थाने में मामला दर्ज कराए जाने के बाद, बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश (Deepak Prakash) ने कहा कि, राजनीतिक विद्वेष के तहत मामला दर्ज कराया गया है. सरकार यूपीए गठबंधन की है, वह जांच कराए, दूध का दूध और पानी का पानी सामने आएगा.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, सांसद निशिकांत दुबे सरकार पर लगातार आक्रामक रहे हैं, उनकी बोलती बंद करने के लिए इस तरह का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन वो अपने स्वभाव के अनुरूप सच को सामने लाते रहेगें. वहीं, देवघर थाने में मामला दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट (High Court) के अधिवक्ता राजीव कुमार ने कहा कि,  इसमें जो एफआईआर (FIR) कराया गया है, इसमें दो चीज हैं. पहला टेंपरिंग ऑफ गवर्मेंट रिकॉर्ड और दूसरा 20 करोड़ की प्रॉपर्टी को तीन करोड़ में खरीदना वो भी पेमेंट कैश करना.

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि, सूचिता और नैतिकता की बात करने वाले निशिकांत दुबे का असली चेहरा सामने आ गया है. लेकिन अब राज्य में हेमन्त सोरेन (Hemant Soren) सरकार है. ऐसे कृत करने वाले की जगह जेल में होगी.

वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि, किसी व्यक्ति ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, जो तथ्य दिए हैं, उससे लगता है बड़े स्तर पर घाल-मेल हुआ है. अनुसन्धान का विषय है और इस पर जांच होगी. जेएमएम प्रवक्ता ने दीपक प्रकाश के बोलती बंद करने के आरोप पर कहा कि, हम लोग चाहते हैं कि वो बोलें कि, कहां से आएं हैं रुपये और नकद लेन-देन क्यों किया गया है.

दरअसल, देवघर निवासी शिकायतकर्ता ने देवघर नगर थाने में सांसद और उनकी पत्नी के खिलाफ दस्तावेजों से छेड़छाड़ और राजस्व के नुकसान पहुंचाने को लेकर मामला दर्ज कराया है. एफआईआर में बताया गया है कि, गोड्डा  सांसद ने 29 अगस्त 2019 को देवघर में 20 करोड़ की प्रॉपर्टी 3 करोड़ में नकद देकर अपनी पत्नी के नाम से रजिस्ट्री करवाई है. वहीं, इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल हुई है.