Jhakhand Crime: चतरा में 500 से अधिक महिलाओं से ठगी, 68 हजार रुपए लोन देने के नाम पर फ्रॉड
Chatra fraud: झारखंड के चतरा में 500 से अधिक महिलाओं से डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की ठगी हुई है. महिलाओं को 68 हजार रुपए लोन देने के नाम पर ठगी की गई है.
चतराः Chatra Thagi: झारखंड के चतरा जिले में ठगी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नया मामला महिलाओं से ठगी का सामने आया है. चतरा जिले के विभिन्न प्रखंडों के 500 से अधिक महिलाओं से डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की ठगी हुई है. ठगी की शिकार सैकड़ों महिलाएं न्याय की गुहार लेकर सदर थाना पहुंची थी. महिलाओं ने थाना को दिए आवेदन में बताया है कि शहर के किशनपुर मोहल्ला स्थित न्यू पेट्रोल पंप के पास स्वास्तिक माइक्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी खुला था.
इस कंपनी के द्वारा चतरा सदर, सिमरिया, कान्हाचट्टी, हंटरगंज, जोरी आदि प्रखंडों में एजेंट के माध्यम से प्रत्येक महिलाओं को 68 हजार रुपए लोन देने के नाम पर ठगी किया गया है. प्रत्येक महिलाओं से लोन देने के एवज में कंपनी में खाता खुलवाने के लिए 3050 जमा कराया गया. लोन के लिए 3050 रुपए देकर कंपनी में खाता खुलवाने वाली महिलाओं को 20 सितंबर के बाद लोन देने का वादा किया गया था. जब महिलाएं लोन के लिए कार्यालय जाती थी तो कंपनी के कर्मियों के द्वारा इस माह के अंत तक सभी के खाते में पैसे चले जाने का भरोसा दिलाते हुए, उन्हें वापस भेज देते थे.
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शनिवार को जब महिलाएं किशनपुर स्थित कंपनी के कार्यालय में पहुंची तो कार्यालय बंद पाया गया और कर्मियों का फोन नंबर भी बंद मिला. महिलाओं ने बताया है कि स्वास्तिक माइक्रोफाइनेंस कंपनी के संजय सिंह, चंदन कुमार, मुकेश कुमार, मनीष कुमार, अभिषेक कुमार और शिवम कुमार के द्वारा पैसे लिए गए हैं. महिलाओं के आवेदन के आधार पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है. सदर थाना प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि महिलाओं के आवेदन के आधार पर मामले की जांच की जा रही है.
शहर में कई माइक्रो फाइनेंस कंपनियां कर रही काम
शहर में वर्तमान समय में एक दर्जन से अधिक माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के द्वारा कार्यालय खोलकर फाइनेंस का काम किया जा रहा है. शहर के मेन रोड से लेकर बाईपास रोड, अव्वल मोहल्ला रोड में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों का कार्यालय संचालित है. जहां पुरुषों से अधिक महिला उपभोक्ताओं की अधिक भीड़ रहती हैं. इन कंपनियों के द्वारा छोटी बड़ी राशि का फाइनेंस किया जाता है. इसके लिए कंपनियों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर एजेंट बनाया गया है. एजेंट जरूरतमंदों को माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कार्यालय तक लाते हैं. इसके एवज में एजेंट को कमीशन मिलता है.
इनपुट- धर्मेन्द्र पाठक
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