रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान पहले से ही लोजपा के पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं. संसद में पार्टी के नेता भी हैं. अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा जाएगा.
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पटना: बिहार की राजनीतिक गलियारे से बड़ी खबर आ रही है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) अब अपनी विरासत यानी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) की कमान अपने बेटे और जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) को सौंपने जा रहे हैं. पांच नवंबर यानी आज दिल्ली में लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. पार्टी फोरम के हिसाब से यह सबसे बड़ी बैठक मानी जाती है. इसी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बात पर मुहर लग जाएगी कि लोजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को बनाया जाएगा.
रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान पहले से ही लोजपा के पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं. संसद में पार्टी के नेता भी हैं. अब उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार सौंपा जाएगा.
इस बात के संकेत पहले से ही मिलने लगे थे. पार्टी के तमाम निर्णयों में चिराग पासवान का ही दबदबा देखने को मिला. खासतौर पर हाल के दिनों में पार्टी में हुए बड़े बदलाव में. बिहार प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस को दलित सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का निर्णय भी चिराग पासवान का ही था. वहीं, दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राम विलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को लोजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का निर्णय भी चिराग पासवान ने ही लिया था.
साथ ही चिराग पासवान ने बिहार प्रदेश की तमाम प्रकोष्ठ के अध्यक्षों को भी बदल दिया. महिला विंग की ज़िम्मेदारी अब सांसद वीणा सिंह को दे दी गई है. युवा विंग की कमान अब सांसद चदन सिंह के पास है. अल्पसंख्यक मोर्चा की जिम्मेदारी चिराग पासवान के विश्वासपात्र और बिहार के प्रवक्ता अशरफ अंसारी को सौंपी गई है.
लोजपा के ये तमाम बदलाव बताते हैं कि चिराग पासवान पार्टी के तमाम निर्णय में अपनी भूमिका का निर्वहन करते रहे हैं. यही वजह है कि अब आगामी विधानसभा चुनाव से पहले रामविलास पासवान लोजपा की कमान अब पूरी तरीके से चिराग पासवान को सौंप देना चाहते हैं.