कल विधानसभा में चर्चा हो रही थी. 80% विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं तो कैसे कह रहे है कि लड़कियों को शिक्षित किया गया है. सरकार ने कुछ प्रोत्साहन के काम किए लेकिन जितना सुधार होना चाहिए शिक्षा व्यवस्था में उतना नहीं हुआ है.
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Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने मंगलवार को कहा कि राज्य के प्रजनन दर (Fertility rate) में कमी आई है जो कि अच्छी बात है. सरकार इसे और नीचे ले जाने की कोशिश करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा आएगा कि राज्य का प्रजनन दर स्थिर होकर नीचे आने लगेगा और इसका लाभ तब मिलना शुरू होगा वही इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है.
आरजेडी (RJD) के प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि समाज में जागरूकता के कारण प्रजनन दर (Fertility rate) में कमी आई है. मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि पंचायतों में स्कूल खोलने के कारण यह परिवर्तन आया है लेकिन अभी पंचायतों में हाई स्कूलों की नींव रखी जा रही है, तो यह कैसे मान लिया जाए कि वह जो कह रहे है उसी के कारण ऐसा हुआ है. समाज और महिलाएं जागरूक हुई हैं इसी कारण प्रजनन दर में कमी आई है.
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वही कांग्रेस के विधायक आनंद शंकर ने अपने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था जिस तरह से चौपट हुई है, उस ओर किसी का ध्यान नहीं है और ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिया गया है. निश्चित रूप से लोगों में जागरूकता बढ़ी है. व्यवस्था क्या और आधारभूत संरचना क्या है कई ऐसे गांव हैं जहां प्राथमिक विद्यालय के भवन नहीं शिक्षक नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कल विधानसभा में चर्चा हो रही थी. 80% विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं तो कैसे कह रहे है कि लड़कियों को शिक्षित किया गया है. सरकार ने कुछ प्रोत्साहन के काम किए लेकिन जितना सुधार होना चाहिए शिक्षा व्यवस्था में उतना नहीं हुआ है.
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वही, कांग्रेस (Congress) के प्रवक्ता राजेश राठौर ने मुख्यमंत्री के द्वारा प्रजनन दर पर दिए गए बयान पर कहा कि ना कि बिहार में बल्कि संपूर्ण देश में शिक्षा के विस्तार के बाद प्रजनन दर (Fertility rate) घटा है. परिवार नियोजन के समय नारा था हम दो हमारे दो लेकिन अब उसे भी दरकिनार करके हम दो हमारे एक अपना रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी हम दो हमारे एक रहे उदाहरण हैं.
AIMIM के विधायक अख्तरूल इमान (Akhtarul Iman) ने कहा कि मुख्यमंत्री की कही हुई बात है सही भी हो सकती है. यह सच है कि पूरे विश्व में तरक्की हो रही है और इसका बिहार भी उदाहरण है लेकिन बिहार में 50 किलोमीटर की दूरी पर कॉलेज नहीं है. लड़कियों का अलग से कोई स्कूल नहीं है. ब्लॉक लेवल पर ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियां स्कूल नहीं जा पा रही हैं. बिहार में नारी शिक्षा की हालत दयनीय है.
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विपक्ष के सवाल पर जेडीयू (JDU) प्रवक्ता अभिषेक झा (Abhishek Jha) ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा बढ़ी है जो भी लड़कियां इंटर पास करती हैं उन्हें 25000 रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिया जाता है. जो ग्रेजुएशन पास होती हैं उन्हें 50000 रुपए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि के रूप में दिया जाता है.
शिक्षा का स्तर बढ़ने का लाभ है कि बिहार में प्रजनन दर (Reproduction rate) काफी में कमी आई है. आने वाले दिनों में और भी लड़कियां महिलाएं शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर में काफी कमी आएगी.