सीएम नीतीश ने कहा कि सरकार की तरफ से राहत देने की शुरुआत की गई है. कुछ गांवों तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया, वहां हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट पहुंचा रहे हैं.
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पटना : बिहार में बाढ़ के कहर के बीच विधानमंडल में भी इसकी गूंज सुनने को मिल रही है. विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही थी. इस सबके बीच आज यानी शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में जवाब दिया और सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों से अवगत कराया.
सदन को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 13 जुलाई को हमने आठ घंटे तक इस विषय पर चर्चा की. प्रदेश में जल, जीवन और हरियाली अभियान चलाने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति का जायजा मैंने खुद ली है. उन्होंने कहा कि हवाई सर्वे के जरिए सभी जगहों का जायजा लिया. हर जिले की स्थिति का आकलन करवाया है.
सीएम नीतीश ने कहा कि सरकार की तरफ से राहत देने की शुरुआत की गई है. कुछ गांवों तक प्रशासन नहीं पहुंच पाया, वहां हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट पहुंचा रहे हैं. घर और फसल क्षति सभी के लिए मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी भी बाढ़ से प्रभावित इलाकों पर खतरा है. क्योंकि बाढ़ अमूमन अगस्त और सितंबर महीने में आती है.
उन्होंने कहा कि राहत कार्य के लिए हमने केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है. एनडीआरएफ की टीम और हेलीकॉप्टर की माग की. अभी सारा काम कर रहे हैं. क्षति का आकलन कर केंद्र सरकार को मेमोरेंडम भेजा जाएगा. केंद्र की टीम आएगी. उसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी. सीएम नीतीश ने कहा कि 2017 में 38 लाख परिवारों को मदद दी थी. कुल 24 सौ करोड़ रुपये खर्च किए थे.
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