Chandrayan-3 अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए उद्यमों को प्रदान करेगा प्रेरणा: चीफ प्रोजेक्ट अफसर डॉ. अमिताभ
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Chandrayan-3 अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए उद्यमों को प्रदान करेगा प्रेरणा: चीफ प्रोजेक्ट अफसर डॉ. अमिताभ

Chandrayaan 3 Moon Landing: समस्तीपुर के डॉ. अमिताभ का कहना है कि 2019 में विक्रम-2 का लैंडिंग चंद्रमा पर सफलतापूर्वक नहीं हुआ. इसके बावजूद चंद्रयान-3 मिशन को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है. आज चंद्रयान 3 भारत के लिए नया इतिहास रचने जा रहा है. साथ ही कहा कि  ISRO का ये मिशन अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए उद्यमों की प्रेरणा प्रदान करने का काम करेगा. 

Chandrayan-3 अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए उद्यमों को प्रदान करेगा प्रेरणा: चीफ प्रोजेक्ट अफसर डॉ. अमिताभ

समस्तीपुर: Chandrayaan 3 Moon Landing In Hindi: हर किसी का सपना होता है कि वो चंद्रमा पर कदम रखे. इस सपने का आज भारत साकार करने जा रहा है. महज कुछ ही घंटों में चंद्रयान- 3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिग कर लेगा. आज हर किसी की नजर इस मिशन पर टिकी हुई है. बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के अध्यक्ष और प्रमुख प्रोजेक्ट अफसर डॉ. अमिताभ का कहना है कि चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा निर्मित एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य विज्ञानिक अनुसंधान करना और चंद्रमा की सतह पर नई जानकारी प्राप्त करना है. 

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चंद्रमा की सतह पर नई जानकारी प्राप्त करेगा  चंद्रयान-3 (Dr. Amitabh Chief Project Officer OF Chandrayaan 3)
डॉ. अमिताभ के अनुसार चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा निर्मित एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर वाहन को पहुंचाना, विज्ञानिक अनुसंधान करना, और चंद्रमा की सतह पर नई जानकारी प्राप्त करना है. चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में हुई थी, जब ISRO ने इस मिशन की घोषणा की. चंद्रयान-3 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की दक्षिण पोल क्षेत्र में लैंडर प्रेथीवी पर पहुंचाना था, जिसे विक्रम-2 नामक लैंडर के रूप में जाना जाता था. विक्रम-2 का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर संशोधित सत्ता व्यास को मापकर, चंद्रमा की कठिनाईयों का अध्ययन करना था.

भारत को चंद्रयान-3 दिलाएगा सफलता (Chandrayaan 3 Moon Landing) 
समस्तीपुर के रहने वाले डॉ. अमिताभ के अनुसार बता दें कि 2019 में विक्रम-2 का लैंडिंग चंद्रमा पर सफलतापूर्वक नहीं हुआ और लैंडर कमांड मॉड्यूल से विचरण के दौरान संपर्क टूट गया. इसके बावजूद चंद्रयान-3 मिशन को एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है जो भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम की महत्वपूर्णता को दर्शाता है. यह मिशन भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता को प्रमोट करने का एक उदाहरण है और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नए उद्यमों की प्रेरणा प्रदान करता है.

चंद्रमा पर कदम रखने वाला भारत बना चौथा देश (Chandrayaan 3 Moon Location)
जानकारी के लिए बता दें कि आज भारत चंद्रमा पर कदम रखने वाले चौथा देश बने वाला है. चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की आज शाम 6 बजकर 4 मिनट लैंड कर लेगा. भारत से पहले चंद्रमा पर चीन, अमेरी और रूस अपना कदम रख चुके हैं. देश को लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर भारत लैंडिग करने वाला पहला देश बन जाएगा.

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