नदी के किनारे बसे भरडीहा, पकदोलिया, पछियारीरही, केवटगामा महिसौथ, सलमगढ़, सिसौना, परमानंदपुर और जिरौना समेत कई गांवों के लोग पानी से आ रही दुर्गंध के कारण परेशानी झेल रहे हैं.
लोगों का कहना है कि इस पानी से वे खेतों की सिंचाई करते थे और अपने पशुओं को पानी में नहलाते थे. साथ ही पशु यही पानी पीते भी थे. लेकिन अब पानी के दूषित होने की वजह से वे लोग अपने पशुओं को नदी में नहीं उतार रहे हैं.
नदी का पानी काला पड़ जाने को लेकर स्थानीय बैजनाथ पासवान ने कहा कि 'कमला नदी की धारा नेपाल से निकलकर कुशेश्वर स्थान होते हुए समस्तीपुर में जाकर मिलती है. ऐसा लगता है कि खेतों में जहरीले रसायन का प्रयोग करने की वजह से ये पानी दूषित हो गया है.'
ग्रामीणों का कहना है कि 'हो सकता है कि बाढ़ के पानी में बड़ी मात्रा में मक्के और मूंग की फसल सड़ गई है जिसकी वजह से ये पानी गंदा हो गया है और काला पड़ गया है. इसकी वजह से इससे दुर्गंध आ रही है और इस दुर्गंध के चलते गांव में लोगों को खाने-पीने में भी दिक्कत हो रही है.
स्थानीय छेदी कुमार ने कहा कि 'पानी के गंदा होने और इससे बदबू आने की वजह से गांव में बीमारी फैलने की आशंका है. जिला प्रशासन को इस समस्या का समाधान करना चाहिए ताकि नदी का पानी साफ हो और इसका इस्तेमाल पहले की तरह पशुओं को नहलाने और उन्हें पानी पिलाने में किया जा सके.
(इनपुट- मुकेश कुमार)
ट्रेन्डिंग फोटोज़