सीतामढ़ी : रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्वावधान में माता सीता की जन्मभूमि बिहार के सीतामढ़ी में उनकी 251 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए तैयारी पूरे जोरों पर शुरू हो गई है. इसको लेकर रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से जमीन उपलब्ध करा ली गई है. सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू इस पूरे मुहिम का नेतृत्व कर रहे है और माता सीता के इस पवित्र धरती को देश और दुनिया में पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

18 एकड़ भूमि पर स्थापित होगी माता सीती प्रतिमा
सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू के अनुसार भूमि पूजन का कार्य देश के प्रधानमंत्री या फिर राष्ट्रपति के हाथों होने की पूरी संभावना जताई जा रही है.  इस बड़े प्रोजेक्ट को लेकर बता दें कि इसके लिए कुल 18 एकड़ 40 डिसिमल भूमि अधिग्रहण किया गया है. वहीं इसके विस्तार के लिए आसपास के किसानों ने भी काउंसिल को अपनी जमीन देने पर सहमति से करीब 6 एकड़ भूमि का एग्रीमेंट कर दिया है. काउंसिल ने अब तक कुल 24.39 एकड़ भूमि अधिग्रहण कर लिया है. 


इस प्रतिमा से नारी सशक्तिकरण को मिलागा बड़ा बल
इस कार्य को कार्यान्वित करने के लिए गठित श्रीभगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि अभी और भूमि के अधिग्रहण के लिए वह किसानों से निरंतर संपर्क में हैं, जो जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा. सांसद सुनील कुमार ने बताया कि इस स्थल के आसपास की कुल 33.86 एकड़ भूमि का रजिस्ट्री-शुल्क माफ करने के लिए सीतामढ़ी निबंधन कार्यालय के माध्यम से प्रस्ताव बिहार सरकार को भेजा गया है, जिस पर स्वीकृति मिलने के बाद उसे वित्त विभाग के पास भेज भी दिया गया है. माता सीता ही एकमात्र ऐसी आदर्श उदाहरण हैं जिन पर यह कार्य करने से नारी सशक्तिकरण को बड़ा बल मिलेगा. इस कार्य के पूरा होने के बाद यह स्थल विश्व की नारी समाज के लिए प्रेरणा और दर्शन का एक अद्भुत संगम का केंद्र बन जाएगा. वहीं माता सीता का भगवती के रूप में दर्शन का भाव आ सके, इसके लिए कुछ पुस्तिकाएं बनाकर उनका अधिक से अधिक प्रसार किया जाएगा. कहा यह भी जा रहा है कि अयोध्या में भगवान के मंदिर निर्माण पर जितनी लागत आ रही है कमो वेश उतना ही खर्च इस योजना पर होंगी.


माता सीता की प्रतिमा के लिए मो. निजामुद्दीन दान दी जमीन
इस पवित्र कार्य में सीतामढ़ी के हर धर्म और हर वर्ग का उन्हें काफी सहयोग मिल रहा है. उदाहरण पेश करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह किसानों से लगातार इस कार्य में भूमि देने का आह्वान कर रहे थे तब मो. निजामुद्दीन नाम के एक किसान ने उन्हें पूरी भावुकता के साथ करीब ढाई कट्ठे की जमीन दान स्वरूप दे दिया है. इसके अलावा जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हिमालयन योगी स्वामी वीरेंद्रानंद जी महाराज ने बताया कि काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक श्री श्री 1008 परमहंस स्वामी सांदीपेंद्र जी महाराज उस स्थान को एक शक्ति-स्थल के रूप में विकसित करना चाहते हैं. इसके लिए 51 शक्तिपीठों समेत, इंडोनेशिया, बाली, अशोक वाटिका जैसे स्थानों से मिट्टी व जल जाकर और मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित माता बगलामुखीजी की ज्योत लाकर माता सीताजी को श्रीभगवती के रूप में स्थापित किया जाएगा.


इनपुट- त्रिपुरारी शरण


ये भी पढ़िए- Bihar News Live Updates: बिहार में पटना छात्र संघ चुनाव की बढ़ी सरगर्मी, जानें बिहार-झारखंड की सभी बड़ी खबरें यहां