मुजफ्फरपुर: 7 घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा शव, ग्रामीणों ने नहीं होने दिया अंतिम संस्कार
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मुजफ्फरपुर: 7 घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा शव, ग्रामीणों ने नहीं होने दिया अंतिम संस्कार

परिजनों व ग्रामीणों की अनदेखी के कारण रविवार की रात्रि में मृतक के साले व एक पत्रकार  के द्वारा काफी मशक्कत के बाद दाह संस्कार के बदले शव को जमींदोज किया गया.

मुजफ्फरपुर: 7 घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा शव, ग्रामीणों ने नहीं होने दिया अंतिम संस्कार.

अरुण प्रकाश श्रीवास्तव/मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर सरैया थाना क्षेत्र के गोरिगामाडीह पंचायत के, आनंदपुर गंगौलिया गांव में, कोरोना (Corona) काल में शनिवार को मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. महिला के कोरोना पॉजिटिव होने व पति की तबियत खराब होने पर हुई मौत पर, शव शमसान घाट में 7 घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा.

परिजनों व ग्रामीणों की अनदेखी के कारण रविवार की रात्रि में मृतक के साले व एक पत्रकार  के द्वारा काफी मशक्कत के बाद दाह संस्कार के बदले शव को जमींदोज किया गया. वहीं, मुखग्नि के नाम पर मृतक के भाई ने बांस के लंबे डंडे में मुखग्नि दी.

शव को जमींदोज करने के बाद परिजन मृतक की पत्नी को गांव में घर मे घुसने नहीं दिया. अधिकरियों के सहयोग से पत्नी को तुर्की स्थित क्वारंटाइन केंद्र भेजा गया. सबसे दुखद बात तो यह रही कि, मृतक के पुत्र के जयपुर रहने के कारण दोनों दामाद भी दुःखद क्षणों में सहारा नहीं बने. छोटे दामाद ने तो फोन को बंद कर लिया.

वहीं, बड़े दामाद ने शमसान घाट पहुंचने के कुछ समय बाद हीं रफूचक्कर हो गए. जानकारी के अनुसार, आनंदपुर गंगौलिया निवासी मुरलीधर ठाकुर (60) विगत 7 दिनों से सर्दी-खांसी, बुखार व सांस लेने की दिक्कत होने पर सरैया सीएचसी में पति-पत्नी बुधवार को कोरोना का जांच कराया.

जांच में शिक्षिका पत्नी कोरोना पॉजिटिव निकली व पति  का कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आया. चिकित्सको द्वारा दवा देने के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर, शनिवार की सुबह सरकारी एम्बुलेंस से एसकेएमसीएच गए. तभी इलाज शुरू होने के पहले ही पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई.

वहीं, चिकित्सकों ने पुनः जांच में कोरोना नेगेटिव बताते हुए शव को एम्बुलेंस से घर भेज दिया. पत्नी के कोरोना पॉजिटिव होने को लेकर कुछ गांव वाले शव का दाह संस्कार करने से मना कर दिया व अन्यत्र किसी नदी में शव को फेंक देने की बात कहने लगे.

इसी क्रम में शव एम्बुलेंस में लगभग 7 घंटे पड़ा रहा. मृतक के साले अभय चौधरी के बहुत मिन्नत करने के बाद भी, कोई शव को गाड़ी से उतड़ने को तैयार नहीं हुआ. मामले की जानकारी मिलने पर एक पत्रकार ने मृतक के साले के साथ मिलकर शव को काफी मशक्कत के बाद नीचे उतारा.

वहीं, बीडीओ सरैया डॉ बीएन सिंह की पहल पर मुखिया ने एक जेसीबी से गहरा गढ़ा खुदवाया. शव पर मिट्टी डालने के नाम पर जेसीबी कोरोना मरीज के नाम पर भाग खड़ा हुआ. अंतः मृतक के साले व पत्रकार ने व 3 अन्य की उपस्थिति में काफी प्रयास के बाद शव को गढ़े में डाला गया.

परिजनों व ग्रामीणों द्वारा कुदाल नहीं देने पर दोनों ने हांथो से हीं मिट्टी डालकर शव को किसी प्रकार ढक दिया. इधर, शनिवार की देर रात्रि काफी तेज वर्षा होने के कारण व मिट्टी कम रहने के कारण, शव का कुछ भाग दिखने के कारण स्थानीय लोग आक्रोशित होकर सरैया तुर्की पथ में, आनंदपुर गंगौलिया में शमसान घाट के समीप, सड़क पर बांस-बल्ले रखकर अवरुद्ध कर, शव पर अधिक मिट्टी डालने की मांग करने लगे. इसके बाद, स्थानीय जन प्रतिनिधि के सहयोग से शव पर जेसीबी से मिट्टी डाला गया. शव पर मिट्टी डालने के बाद यातायात बहाल की गई.