कोरोना के गंभीर रोगियों को लेकर सामने आई बड़ी रिपोर्ट, संक्रमण के बाद के लक्षणों का अधिक खतरा
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कोरोना के गंभीर रोगियों को लेकर सामने आई बड़ी रिपोर्ट, संक्रमण के बाद के लक्षणों का अधिक खतरा

अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, ईसीडीसी ने कहा है कि, 'कोविड -19 के बाद के लक्षण अस्पताल में दूसरे रोगियों के संपर्क में आने से अधिक सामने आ रहा है.'

कोविड -19 के भविष्य के जोखिमों के संदर्भ में अभी भी कई अज्ञात कारक हैं.

पटना/रांची: जो लोग कोविड-19 से गंभीर रूप से प्रभावित हैं, उनमें संक्रमण के बाद के लक्षणों का अधिक खतरा हो सकता है. यह बयान यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) की तरफ से सामने आया है. अपनी नवीनतम रिपोर्ट में, ईसीडीसी ने सोमवार को कहा कि, 'कोविड -19 के बाद के लक्षण अस्पताल में दूसरे रोगियों के संपर्क में आने से अधिक सामने आ रहा है.'

रिपोर्ट के अनुसार, 'एसएआरएस-सीओवी-2 संक्रमण के कम से कम 12 सप्ताह बाद शारीरिक और मनोवैज्ञानिक लक्षणों की एक सूचना दी गई है.' पांच पोस्ट कोविड -19 लक्षण, जिसमें थकान, सांस की तकलीफ, अवसाद, सिरदर्द और चक्कर आना शामिल है. रिपोर्ट यूरोपीय संघ/यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए), यूके, यूएस, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में किए गए अध्ययनों पर आधारित है.

यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को कोविड -19 स्थिति के बोझ का आकलन करने में सहायता कर सकता है और कोविड -19 महामारी के बाद के तीव्र चरण के दौरान पुनर्वास सेवाओं की योजना का समर्थन कर सकता है.

हालांकि, ईसीडीसी ने इस बात पर भी जोर दिया कि, लक्षणों की व्यापकता के बारे में अनुमानों की सावधानी से व्याख्या की जानी चाहिए, क्योंकि अधिकांश अध्ययनों में गैर-संक्रमित लोगों के समूहों के साथ तुलना का अभाव था.

ईसीडीसी ने कहा, 'इससे विशेष रूप से पूर्व एसएआरएस-सीओवी -2 संक्रमण के कारण लक्षणों का अधिक आकलन हो सकता है.' एजेंसी ने जोर देकर कहा कि कोविड -19 के भविष्य के जोखिमों के संदर्भ में अभी भी कई अज्ञात कारक हैं. इसलिए ईसीडीसी अतिरिक्त बड़े पैमाने पर अध्ययन की सिफारिश करता है.

(आईएएनएस)

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