देवघर में चूड़ी कारोबारियों के सामने गहराया संकट, कोरोना संक्रमण की वजह से कारोबार पड़ा ठप
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar948730

देवघर में चूड़ी कारोबारियों के सामने गहराया संकट, कोरोना संक्रमण की वजह से कारोबार पड़ा ठप

Deoghar Samachar: बाबा नगरी में चूड़ियों का कारोबार करने वाले कारोबारियों के सामने रोटी का संकट गहरा गया है. कोरोना संक्रमण की वजह से उनका कारोबार ठप पड़ गया है.

देवघर में चूड़ी कारोबारियों के सामने गहराया संकट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Deoghar: देवघर में सालों साल चूड़ी का कारोबार होता है. वहीं, सावन के महीने में इनका कारोबार कई करोड़ों के पार चला जाता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण (Coronavirus) की वजह से बाबा नगरी में चूड़ियों का कारोबार करने वाले कारोबारियों के सामने रोटी का संकट गहरा गया है. कोरोना संक्रमण की वजह से बाजार बंद हैं जिसकी वजह से इनका कारोबार ठप पड़ गया है.

देश के कोने-कोने से यहां पर चूड़ियां मंगाई जाती है लेकिन लाखों का कारोबार करने वाले चूड़ी व्यवसाई आज भुखमरी की कगार पर हैं. पिछले 14 महीनों से व्यापार ठप है जिन लोगों ने स्टॉक मंगाया था वह गोदाम में पड़े-पड़े खराब हो रहे हैं. हालात ये है कि इन पर बिजली विभाग का बकाया भी जमा हो गया है. दूसरी तरफ महाजन का कर्ज भी इनके ऊपर चढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं स्कूल में फीस देने के लिए भी इनके पास पैसे नहीं हैं. घर चलाना मुश्किल हो रहा है. फिरोजाबाद से लेकर देश के विभिन्न कोनों से यहां पर चूड़ियां बनाई जाती थी. दूसरी तरफ सैकड़ों ऐसे परिवार देवघर जिले में हैं जो लाख की चूड़ियां बनाकर बाजारों में बेचा करते थे. लेकिन सब कुछ बंद पड़ा है. 

ये भी पढें- Deoghar: मुसीबत में आगे बढ़े मदद के लिए हाथ, जिला प्रशासन की पहल पर भूखा नहीं सोएगा कोई परिवार

चूड़ी कारोबारी के मुताबिक, पिछले साल सावन के महीने में काफी घाटा हुआ और इस बार श्रावणी मेले का आयोजन नहीं होने से इन पर दोहरी मार पड़ी है. ऐसे में जिला प्रशासन से इन लोगों ने मांग की है कि भले ही बाबा मंदिर बंद हो लेकिन बिहार-झारखंड बॉर्डर को सील नहीं किया जाना चाहिए ताकि ऐसे श्रद्धालु जो यहां घूमने आते हैं उनसे थोड़ी बहुत कमाई होती रहे. 

बता दें कि देवघर में चूड़ियों का लाखों का कारोबार होता है इसके पीछे एक धार्मिक महत्व छुपा हुआ है. इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि देवघर बाबा मंदिर में पूजा और दर्शन के लिए जो भी भक्त आते हैं, वो चूड़ी को प्रसाद स्वरूप जरूर ले जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि देवघर के बाबा मंदिर स्थित मां पार्वती और शिव मंदिर के बीच गठबंधन कराया जाता है ये अमर सुहाग का प्रतीक है. बाबा धाम एक शक्तिपीठ भी है लिहाजा माता को यहां चूड़ियां चढ़ाई जाती हैं.

Trending news