तंत्र-विद्या के लिए पिता ने 11 साल तक बेटी को रखा नजरबंद, निकली तो कहा- वो मेरे लिए मर गई है
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तंत्र-विद्या के लिए पिता ने 11 साल तक बेटी को रखा नजरबंद, निकली तो कहा- वो मेरे लिए मर गई है

रूबी ने बताया कि उसके पिता के द्वारा कई वर्षों से रात के वक्त तंत्र सिद्धि के नाम पर मुझे कमरे में बंद कर गुड्डा-गुड़िया बनाकर उसके साथ जादू टोना (Black magic) किया जाता है और बाहर से कई तांत्रिकों को बुलाया जाता है.

तंत्र-विद्या के लिए पिता ने 11 साल तक बेटी को रखा नजरबंद, निकली तो कहा- वो मेरे लिए मर गई है.

Supaul: बिहार के सुपौल जिले के भीमनगर वार्ड 11 में एक अजीबों-गरीब मामला देखने को मिला, जहां बीते 11 सालों से अपनी बेटी को कमरे में बंद रखा. यह मामला तब सामने आया जब पिता अपनी बेटी को घर से निकाल कर यह कहने लगा कि तुम मेरे लिए मर गयी हो. हांलाकि बेटी ने अपने पिता पर तंत्र साधना करवाने का आरोप लगाया है. 

वही, स्थानीय मुखिया ने इस मामले की निंदा की. दरअसल, सुपौल जिले से सटे भारत-नेपाल (Indo-Nepal Border)सीमावर्ती भीमनगर पंचायत में यह मामला सामने आया है. मामला तब सामने आया जब पिता के द्वारा अपनी बेटी रूबी को घर से बाहर निकाल दिया जिसको लेकर आसपास के पड़ोसियों ने भीमनगर पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार सिंह को सूचना दी. 

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मेरे लिए मर गई है मेरी बेटी, उससे मेरा कोई नाता नहीं
इधर, सूचना मिलते ही मुखिया स्थल पर पहुंचे जहां घर के बाहर बैठी बेटी रूबी से पूछताछ किया गया जिसके बाद रूबी के पिता नागेश्वर साह से जब स्थानीय मुखिया ने पूछा तो पिता ने कहा आज से मेरी पुत्री मर गई है. इससे मेरा को नाता-रिश्ता सब खत्म हो गया है. मैं इसे अंदर नहीं ले जाऊंगा. 

हालांकि, इस संबंध में रूबी ने बताया कि उसके पिता के द्वारा कई वर्षों से रात के वक्त तंत्र सिद्धि के नाम पर मुझे कमरे में बंद कर गुड्डा-गुड़िया बनाकर उसके साथ जादू टोना (Black magic) किया जाता है और बाहर से कई तांत्रिकों को बुलाया जाता है. साथ ही मुझे टॉर्चर भी किया जाता है जिससे मैं परेशान रहती हूं और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया जाता है.

पिता ने कहा- हमने नहीं निकाला, खुद ही घर से निकल गई बेटी
इस संबंध में पिता नागेश्वर साह (Nageshwar Sah) से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने बेटी को घर से बाहर नहीं निकाला है. वह खुद घर से बाहर निकल गई है और उसके द्वारा जो भी आरोप लगाया गया है, वह बेबुनियाद है. क्योंकि उसका 2011 से कांके रांची (Ranchi) में इलाज चल रहा था जो कुछ दिन तक दवाई खाई भी और इन दिनों दवा नहीं खाने के कारण वह मानसिक रूप से बीमार है.

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हालांकि, भीमनगर पंचायत के मुखिया सुधीर कुमार सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कई बार सामाजिक स्तर पर पीड़िता के पिता को समझाया बुझाया गया है. उन्हें अपनी बेटी को घर ले जाने को कहा गया है लेकिन इस बार वह अपनी बेटी को घर से बाहर निकाल दिया है और उनका कहना है की मेरी पुत्री मेरे लिए जो लिए मर चुकी है. उनका कोई रिश्ता नाता नहीं है. 

बेटी को करते रहते हैं प्रताड़ित
वही, पंचायत के मुखिया ने भी बताया कि समाज में कई बार पीड़िता के पिता के द्वारा झाड़-फूंक (Black-magic), जादू टोना की बात सामने आती रहती है. जबकि आसपास के पड़ोसियों ने बताया कि लगातार पड़ोस में रहने वाले नागेश्वर साह के द्वारा अपनी पुत्री के साथ प्रताड़ित करने का मामला सामने आते रहता है. उसको कई महीनों तक बिना भोजन पानी दिए बगैर उसे कमरे में बंद कर दिया जाता है. 

इस तरह का मामला हमेशा उसके पिता के द्वारा अपनी पुत्री के साथ किया जाता है. कई बार समाज के लोगों ने इस पर बैठक भी रखा और समझाया बुझाया लेकिन आए दिन इस तरह का घटना इसके साथ होती रहती है.

फेल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
दरअसल, आपको बता दें कि जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ (Beti Bachao Beti Padhao) जैसे कई अभियानों को चलाया जा रहा है. इसको लेकर लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहे हैं. 

बावजूद, आधुनिक दौर में ऐसे अंधविश्वास पर जीने वाले लोग आज भी जिंदा हैं और अपने ही पुत्री पर तंत्र-विद्या को सिद्ध करने के लिए इस तरह का काम किया करते हैं. इसका नतीजा होता है या तो बेटी मानसिक रूप से बीमार हो जाती है या वह जान से हाथ धो बैठती है.
इनपुट:- मोहन प्रकाश