बांका : 400 साल पूराना है तिलडीहा दुर्गा मंदिर, लाखों श्रद्धालु करते हैं यहां जलाभिषेक
Advertisement

बांका : 400 साल पूराना है तिलडीहा दुर्गा मंदिर, लाखों श्रद्धालु करते हैं यहां जलाभिषेक

शारदीय नवरात में अष्टमी और नवमी के दिन यहां भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु जुटते हैं.

400 वर्ष मुराना है तिलडीहा दुर्गा मंदिर.

बांका : जिला के शंभूगंज थाना क्षेत्र स्थित तिलडीहा दुर्गा मंदिर शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है. वर्ष 1603 में स्थापित इस मंदिर में देवी दुर्गा की पूजा होती है. मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं. दुर्गा पूजा के दौरान प्रथम पूजा से लेकर पंचमी तक लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गांगाजल लेकर डाक कांवर में पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं. मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीएम कुंदन कुमार और एसपी चंदन कुशवाहा जुटे हुए हैं.

वर्ष 1603 में हरिबल्लभ दास के द्वारा स्थापित माता का मंदिर आज बिहार ही नहीं विभिन्न प्रांतों के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र बन गया है. शारदीय नवरात्र और वासंती नवरात्र के मौके पर माता के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. 

शारदीय नवरात में अष्टमी और नवमी के दिन यहां भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु जुटते हैं. मां तिलडीहा के दरबार में आज भी बलि प्रथा का प्रचलन है. यहां लगभग 50 हजार पाठाओं की बलि चढ़ती है.

बंगाल के हरिबल्लभ दास ने की थी स्थापना
बंगाल निवासी हरिबल्लभ दास दो भाई थे. दोनों भाई भगवती के उपासक थे. किसी विवाद के कारण हरिबल्लभ दास अपने घर से भागकर तिलडीहा स्थित श्मशान पहुंच गए. बडुआ नदी के किनारे 105 नरमुंड के ऊपर उन्होंने माता को स्थापित किया. इसके बाद यहां तांत्रिक पूजा शुरू हुई, जो आजतक चल रही है.

प्रशासन ने सुरक्षा वयवस्था के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था किया है. जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.