रोहतास में बेटी ने पिता को दी मुखाग्नि, कहा अंतिम संस्कार पर सिर्फ बेटों का हक नहीं
बिहार के रोहतास जिले में एक बेटी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लोगों के सामने एक संदेश दिया है.
Rohtash: बिहार के रोहतास जिले में एक बेटी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार कर लोगों के सामने एक संदेश दिया है. डेहरी के रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और उसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया.
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा
दरअसल, यह मामला रोहतास जिला के डेहरी का है. डेहरी के न्यू एरिया स्थित जोरा मंदिर मोहल्ले में किराए पर रहने वाले राजेंद्र श्रीवास्तव की डेहरी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी. राजेंद्र श्रीवास्तव के कोई भी बेटा नहीं है. उनकी दो बेटियां हैं. जिसमें से एक बेटी शादी शुदा है. घटना के बाद रेलवे पुलिस ने राजेंद्र श्रीवास्तव के मोबाइल फोन से उसकी पहचान की और घटना के बारे में बेटी चांदनी को सूचित किया. वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया.
बेटी ने दी मुखाग्नि
वहीं, इस घटना के बाद मृतक की दूसरी बेटी चांदनी ने ही अंतिम संस्कार किया. चांदनी ने बताया कि उसने आसपास के लोगों और मकान मालिक से मदद की गुहार लगाई थी. लेकिन किसी ने भी कोई मदद नहीं की. अंत में उसने खुद अपने पिता का दाह संस्कार करने का सोचा. उसके बाद शमशान घाट की ओर जाते समय मोहल्ले के कुछ लोग इकट्ठा हुए और उसके साथ सोन नदी के किनारे बने शमशान घाट तक गए. मृतक राजेंद्र श्रीवास्तव की छोटी बेटी ने पूरे हिंदू रीति रिवाज से अपने पिता को मुखाग्नि दी और तमाम तरह के क्रियाकलाप खुद किए. चांदनी ने बताया कि उसका कोई भाई नहीं है और उसके पिता बेटियों को बेटे से कम नहीं समझते हैं. ऐसे में उन्होंने बेटे का पूरा फर्ज निभाया. चांदनी ने कहा कि अंतिम संस्कार पर सिर्फ बेटों का नहीं बेटियों का भी पूरा हक होना चाहिए.
बता दें कि मृतक राजेंद्र श्रीवास्तव मूल रूप से सुपौल के निवासी थे और डेहरी में एक किराए के मकान में रहकर कबाड़ी का छोटा मोटा काम किया करते थे. लेकिन रेलवे स्टेशन पर ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई.