नालंदा: बिहार शरीफ के मणिराम अखाड़ा पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला लंगोट मेला सोमवार से शुरू हो जाएगा. जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. 7 दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान बाबा की समाधि पर लंगोट अर्पित किए जाएंगे. 


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दुनिया का शायद ऐसा पहला मंदिर है जहां बाबा की समाधि पर लंगोट चढ़ाने की परंपरा है. 3 जुलाई से 9 जुलाई तक चलेगा लंगोट अर्पण मेला. इस मेले में परंपरा के अनुसार सबसे पहला लंगोट जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा अर्पित किया जाएगा. बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई उत्पन्न न हो इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा व्यापक पैमाने पर तैयारियां की गई हैं. 


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साथ ही साथ इस मेले में मनोरंजन के लिए झूले और खेल तमाशे भी लगाए गए हैं. अखाड़ा न्यास समिति के उपाध्यक्ष अमरकांत भारती ने बताया कि इस बार व्यापक पैमाने पर तैयारियां की गई है. साथ ही साथ रात्रि में यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. 


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दंत कथाओं के अनुसार बाबा मणिराम 1248 में अपने शिष्यों के साथ अयोध्या से बिहारशरीफ आए थे और यहीं रहकर उन्होंने लोगों को एकता भाईचारा का संदेश दिया. बाबा मल्ल योद्दा थे और वे लोगों को कुश्ती का प्रशिक्षण भी देते थे. सर्वप्रथम 6 जुलाई 1952 को गुरु पूर्णिमा के दिन बाबा मणिराम के अखाड़ा पर पहला लंगोट चढ़ाया गया था. तभी से यहां लंगोट अर्पण की परंपरा शुरू हो गई. 


(ऋषिकेश कुमार)