Baba siddique Murder Case: गोपालगंज के पूर्व विधायक और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार शाम को तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी, जिससे उनके पैतृक गांव मांझा में शोक का माहौल है. यह घटना मुंबई में हुई, और उनके निधन के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. बाबा सिद्दीकी गोपालगंज जिले के रहने वाले थे, लेकिन काम की तलाश में पहले कोलकाता और फिर मुंबई चले गए थे. हालांकि, वे अपने गांव मांझा अक्सर आते-जाते रहते थे और गांव के विकास और समाजसेवा के कामों में सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे.


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जानकारी के लिए बता दें कि बाबा सिद्दीकी अपने ट्रस्ट के माध्यम से कई समाजसेवी कार्य किया करते थे. वे मांझा हाई स्कूल के छात्रों के बीच बैग और पढ़ाई-लिखाई की सामग्री बांटते थे. इसके अलावा, उन्होंने गांव में कई अन्य समाजसेवी परियोजनाएं भी शुरू की थीं, जिससे उनका गांव के लोगों से गहरा जुड़ाव था. उनके दो भाई भी समाजसेवा से जुड़े हुए थे और अपने पिता के नाम पर बनाए गए ट्रस्ट के माध्यम से गांव में लोगों की मदद करते थे.


साथ ही बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके गांव शेख टोली में शोक की लहर फैल गई है. उनके करीबी रिश्तेदार अब्दुल अहद ने कहा कि इतने बड़े नेता की हत्या होना महाराष्ट्र सरकार की नाकामी है. उन्होंने यह भी बताया कि बाबा सिद्दीकी को 15 दिन पहले एक धमकी भरा पत्र मिला था, लेकिन इसके बावजूद उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिसके चलते यह दुखद घटना हुई.


बाबा सिद्दीकी के भतीजे मोहम्मद फुरकान ने कहा कि रात में उन्हें यह दुखद खबर मिली कि बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. यह सुनकर पूरा परिवार शोक में डूब गया. उन्होंने बताया कि बाबा सिद्दीकी समाज और राजनीति में सक्रिय थे और 2022 में आखिरी बार गांव आए थे. वे फिर से गांव आने की योजना बना रहे थे, लेकिन इस दुखद घटना ने सब कुछ बदल दिया. साथ ही बाबा सिद्दीकी के पुत्र जीशान सिद्दीकी वर्तमान में बांद्रा से विधायक हैं और परिवार को इस बात का गहरा दुख है कि एक बड़े नेता की हत्या कर दी गई, जबकि वे सत्ताधारी पार्टी के थे. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं.


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