सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड सरकार और जेल प्रबंधंन से एसओपी की मांग की है. साथ ही, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है.
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रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) द्वारा जेल नियमावली का कथित उल्लंघन किये जाने के मामले में झारखंड उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अदालत ने झारखंड सरकार और जेल प्रबंधंन से एसओपी (SOP) की मांग की है. साथ ही, कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है.
जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने लालू यादव को रिम्स (RIMS) से केली बंगला और वहां से वापस वार्ड शिफ्ट होने की सूचना मांगी है. इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डा. रविरंजन की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने चार दिसंबर को इस मामले में दायर तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा था और सुनवाई की अगली तारीख आठ जनवरी निर्धारित की थी.
याचिकाओं में झारखंड सरकार पर लालू यादव को विशेष छूट प्रदान करने का आरोप लगाया गया है. इनमें कहा गया है कि लालू सजायाफ्ता हैं, लेकिन उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान के वार्ड से हटा कर केली बंगला भेजा गया, जहां उनसे राजद कार्यकर्ता बेरोक-टोक मुलाकात करते रहे. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई (CBI) ने अदालत को बताया था कि जेल नियमावली (Jail Manual) का उल्लंघन करने को लेकर लालू प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है. इस पर अदालत ने कहा था कि वह एक अलग मामला है. लालू, दुमका कोषागार से गबन से संबद्ध चारा घोटाला के एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. वहीं, उन्हें चाईबासा के दो मामलों एवं देवघर के मामले में पूर्व में जमानत मिल चुकी है.