Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 'मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले मंत्री राम सूरत कुमार के परिसर से कई बोतलें और शराब बरामद की गई हैं. लेकिन इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सत्तासीन लोग इस पर जवाब देने से भाग रहे हैं.
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Patna: बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार के मुजफ्फरपुर परिसर में शराब की कई बोतलें और कार्टन बरामद होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि 'दोनों सदन के सदस्यों और राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है.'
Tejashwi Yadav ने कहा कि 'शराबबंदी कानून की असफलता को देखते हुए विपक्षी सदस्यों द्वारा सदन में उठाए जा रहे सवालों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जवाब दें. जिस राज्य में शराबबंदी लागू है वहां के मंत्री के परिसर से शराब की बोतलों की बरामदगी के मुद्दे पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए.'
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जानकारी के अनुसार, दोपहर के भोजन के बाद के सत्र के दौरान तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 'मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले के रहने वाले मंत्री राम सूरत कुमार के परिसर से कई बोतलें और शराब बरामद की गई हैं. लेकिन इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सत्तासीन लोग इस पर जवाब देने से भाग रहे हैं. मैं उन पर किसी तरह के आरोप नहीं लगा रहा हूं. मैं वही कह रहा हूं जो अखबारों में छपा है. राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है और सरकार इस संबंध में क्या कार्रवाई करने की योजना बना रही है.'
वहीं, तेजस्वी के आरोपों पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने यह कहते हुए आपत्ति जताई कि 'उन्हें मुद्दे उठाने का अधिकार है लेकिन वे सीधे किसी को दोष नहीं दे सकते. मुझे नहीं पता कि यह उनका घर है या किसी और का. यह सामान (शराब) एक स्कूल के परिसर से बरामद किया गया था जिसका नाम उनके (मंत्री के) पिता के नाम पर रखा गया था. यह वही है जो अखबारों में छपा है. लोगों को संसदीय लोकतंत्र में सवाल उठाने का अधिकार मिला है लेकिन इस तरह से सीधे आरोप नहीं लगाया जा सकता है.'
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उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर जिले में आठ नवंबर 2020 को अर्जुन मेमोरियल स्कूल से भारी मात्रा में शराब के डिब्बों को जब्त किया गया था जिसे विपक्षी सदस्य राम सूरत कुमार की संपत्ति बताया जा रहा है. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने उन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि वह ना तो कोई स्कूल चलाते हैं और ना ही उनके स्वामित्व वाली जमीन के टुकड़े या जमीन से कोई शराब जब्त की गई है.
राम सूरत कुमार का कहना है कि 'मैं ना केवल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दूंगा बल्कि दोषी पाए जाने पर राजनीतिक जीवन भी छोड़ दूंगा. जहां से शराब जब्त की गई है, वह जगह मेरे भाई के नाम पर पंजीकृत है. उन्होंने कोचिंग संस्थान चलाने के लिए एक व्यक्ति को जमीन दी है.' राम सूरत कुमार ने कहा, 'मेरा एकमात्र दोष यह है कि भूमि मेरे भाई की है जो पिछले 10 वर्षों से अलग रह रहे हैं.'
बता दें कि, भोजनावकाश के पूर्व विपक्षी सदस्यों द्वारा अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर शराब बेचने वाले माफियाओं की मीडिया रिपोर्टों पर मुख्यमंत्री से बयान की मांग लेकर सदन में हंगामा और कार्यवाही को बाधित किया गया था. जिसके चलते संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 'सरकार ने कभी दावा नहीं किया कि राज्य में एक भी बोतल नहीं बेची जा रही है लेकिन यह दावा किया है कि राज्य में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी'
(इनपुट- भाषा)