IRCTC घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू एंड फैमिली को मिली राहत, कोर्ट ने दी जमानत
पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों को नियमित जमानत देने का विरोध किया था.
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नई दिल्ली/पटना : आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव एंड फैमिली को नियमित जमानत दे दी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को कोर्ट ने एक लाख रुपए के निजी मुचलके पर रेगुलर जमानत दे दी है. माले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी.
बेल मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके परिवार को राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया. उन्होंने कहा कि जो-जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जाते हैं उन्हें फंसाया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हर मामले में न्याय मिलेगी.
पिछली सुनवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपियों को नियमित जमानत देने का विरोध किया था. कोर्ट ने ईडी और आरोपियों का पक्ष सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
Delhi's Patiala House Court grants regular bail to former Bihar CM Lalu Prasad Yadav, his wife Rabri Devi, son Tejashwi Yadav and others in a money laundering case against them in IRCTC scam case pic.twitter.com/n1YHqMojyD
— ANI (@ANI) January 28, 2019
वहीं, दूसरी तरफ सीबीआई केस में कोर्ट ने लालू यादव को नियमित जमानत दे दी थी. सीबीआई केस में 11 फरवरी को सुनवाई होनी है. बीते 6 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई केस में लालू यादव को छोड़कर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और बाकी आरोपियों को जमानत दे दी थी. सीबीआई ने कोर्ट में नियमित जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि नियमित जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकता है.
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपियों को एक-एक लाख के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी थी. खराब सेहत का हवाला देते हुए लालू यादव कोर्ट में पेश नहीं हो सके थे. इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी ईडी है, जिसकी चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन जारी किया था.
आपको बता दें कि आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में लालू एंड फैमली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में ईडी ने कई अहम सबूत की बात कही थी. चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली. सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.
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