शिक्षा मंत्री ने जंगलों में मशरूम को कैसे चुना जाता है और चुनने के बाद उसका कैसे इस्तेमाल खाने के रूप में किया जाता है, उसको मौके पर मौजूद लोगों को बताया.
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बोकारो: झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार में शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो का अनोखा अंदाज आपने कई बार देखा होगा. जगन्नाथ महतो कभी खेतो में ट्रैक्टर चलाते हुए तो कभी किसानी करते हुए नजर आ चुके हैं. लेकिन मंगलवार को बोकारो के चंद्रपुरा और नावाडीह के जंगलों में महतो को मशरूम खोजते हुए देखा गया.
शिक्षा मंत्री ने जंगलों में मशरूम को कैसे चुना जाता है और चुनने के बाद उसका कैसे इस्तेमाल खाने के रूप में किया जाता है, उसको मौके पर मौजूद लोगों को बताया. दरअसल, मशरूम को काफी पोस्टिक माना जाता है और इसे लोग आसानी से जंगलों से प्राप्त कर सकते हैं.
वहीं, बढ़ती हुई सब्जी के महंगे दामों के बीच लोग मशरूम का इस्तेमाल कर अपनी जीविका भी चला सकते हैं. लेकिन मशरूम की कीमत भी बाजार में बहुत ज्यादा है और करीब 600 रुपए किलो के करीब है. इधर, मंत्री ने जंगल के एक-एक पेड़ को हटा हटाकर मशरूम की खोज किया.