Sammed Shikhar Ji: सम्मेद शिखर जी मामले में क्या है पर्यटन विभाग की दलील, जानिए विवाद की वजह
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Sammed Shikhar Ji: सम्मेद शिखर जी मामले में क्या है पर्यटन विभाग की दलील, जानिए विवाद की वजह

Sammed Shikhar Ji Issue: सम्मेद शिखर जी मामले में पर्यटन विभाग ने भी अपनी दलीले दी हैं. विभाग का कहना है कि लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना जरूरी हो जाता है.

Sammed Shikhar Ji: सम्मेद शिखर जी मामले में क्या है पर्यटन विभाग की दलील, जानिए विवाद की वजह

जमशेदपुरः Sammed Shikhar Ji Issue: सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने का बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है. इस विरोध में कई जैन पमु्ख है जैन महाराज भी आ चुके हैं.  मुनि प्रमाणसागर महाराज ने कहा है कि 'यह विरोध केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के कारण हो रहा है. इसे इको सेंसिटिव जोन बनाया गया था, अब इको टूरिज्म की बात आ रही है. चूंकि इको टूरिज्म शब्द जुड़ते ही लोगों के मन में ऐसी बात आ चुकी है कि टूरिज्म क्षेत्र घोषित होते ही क्षेत्र की पवित्रता बाधित होगी. वहीं इस मामले में पर्यटन विभाग ने भी अपनी दलीले दी हैं. विभाग का कहना है कि लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना जरूरी हो जाता है.

ये है पर्यटन विभाग का कहना
सम्मेद शिखर जी को ईको टूरिज्म प्लेस बनाने का नोटिफिकेशन ही विवाद की जड़ है. इस बारे में पर्यटन विभाग का कहना है कि, शिखर जी क्षेत्र में यात्रा व यात्रियों-श्रद्धालुओं को छोटी-बड़ी सुविधाएं मुहैया कराना भी जिम्नेदारी है. इस जिम्नेदारी को पूरा करने के लिए शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र के रूप में घोषित होना जरूरी है. विभाग ने ये भी साफ किया है कि सम्मेद शिखरजी में कोई बड़ा निर्माण या संरचना विकसित करने की राज्य सरकार की कोई योजना नहीं है. इस बारे में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने जैन समाज के लोगों के साथ बैठक में सम्मेद शिखर के विकास के लिए 6 सदस्यों का पैनल बनाने की बात भी कही. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में मांस मदिरा पर जो रोक लगी हुई है, उसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा.

राज्यपाल ने लिखा पत्र
इधर, सम्मेद शिखर जी क्षेत्र में बुधवार को एक विवाद हो गया था. यहां कुछ स्कूली बच्चे पहाड़ी पर चढ़ रहे थे, जैन समाज के लोगों ने उन्हें रोका तो इसके बाद विरोध शुरू हो गया. गैर जैन लोगों ने विरोध में मधुबन बाजार और आसपास के क्षेत्रों को बंद करा दिया. इसके बाद से स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार इस मामले को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम सोरेन ने भी अभी मास्टर प्लान को होल्ड पर डाल दिया है तो दूसरी ओर राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है.

 

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