उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जेडीयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की मोदी सरकार के दबाव में हैं, इस वजह से बिल का समर्थन कर रहे हैं.
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पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship amendment bill) को लेकर जेडीयू (JDU) पर बड़ा हमला किया है. कभी जेडीयू के बड़े नेताओं में शुमार रहे और दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे उदय नारायण चौधरी ने जेडीयू का संविधान फाड़ दिया और कहा कि अब पार्टी सेक्युलर नहीं रही. इसलिए हम विरोध के तौर पर उसका संविधान फाड़ते हैं. जेडीयू अपने संविधान के पहले पैराग्राफ को ही नहीं मानती है. मुख्यमंत्री पूरी तरह से बीजेपी (BJP) के दबाव में आ गए हैं.
बता दें कि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद नागरिकता संशोधन बिल अब देश के लिए हकीकत बन चुका है. संसद से पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है, जिससे ये कानून बन चुका है, लेकिन राजनीतिक दल अपनी सियासी रोटियां सेंकने के लिए अपने हिसाब से बिल का विरोध कर रहे हैं. सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
वहीं, आरजेडी बिल के विरोध में है. उसकी ओर से धरना प्रदर्शन का भी आयोजन किया गया, जिसमें तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) समेत पार्टी के कई नेताओं ने हिस्सा लिया.
'CM नीतीश का करूंगा विरोध'
इस दौरान तेजस्वी यादव ने बिहार में अपने विरोधी दल जेडीयू पर हमला किया और कहा कि बिल का समर्थन करने के लिए अब वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का विरोध करेंगे और उन्हें चाचा नहीं कहेंगे. आरजेडी ने जेडीयू का विरोध जारी रखा है. पार्टी की ओर से उदय नारायण चौधरी ने जेडीयू पर हमला बोला है.
'धर्मनिरपेक्षता की बात पहली लाइन में लिखी'
उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जेडीयू के तरफ से जो संविधान बनाया गया है. उसमें धर्मनिरपेक्ष रहने की बात पहली ही लाइन में लिखी है, लेकिन नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करके जेडीयू धर्मनिरपेक्ष दल नहीं रह गया है. इसलिए हम उसका संविधान फाड़ते हैं.
'दबाव में CM नीतीश कर रहे CAB का समर्थन'
उन्होंने भरी प्रेस कांफ्रेंस में जेडीयू के संविधान की प्रति को फाड़ कर अपना विरोध जताया और कहा कि उनका विरोध आगे भी जारी रहेगा. उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जेडीयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र की मोदी सरकार के दबाव में हैं, इस वजह से बिल का समर्थन कर रहे हैं.
'बयानबाजी से नहीं, पद से इस्तीफा दें PK'
उदय नारायण चौधरी ने कहा कि जेडीयू में प्रशांत किशोर, पवन वर्मा, गुलाम रसूल बलियावी और खालिद अनवर जैसे नेता बिल का विरोध कर रहे हैं. उन्हें सिर्फ बयानबाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि अपने पदों से इस्तीफा देकर पार्टी से बाहर आना चाहिए, तब उनका विरोध सही माना जायेगा.
उन्होंने कहा कि केवल प्रतीकात्मक विरोध से काम नहीं चलेगा. आरजेडी नेता ने कहा कि अगर जेडीयू के नेता अपनी पार्टी से बाहर आते हैं, तो उन्हें दल में शामिल कराने पर विचार किया जाएगा.