आरटीआई संसोधन विधेयक को सरकार ने भले ही राज्यसभा से पास करा लिया हो, लेकिन इस मामले में राह आसान नहीं है. एनडीए की सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने ही इस बिल का विरोध किया है.
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पटना/नई दिल्ली : लोकसभा में पास होने के बाद अब राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक को पेश किया गया है. इसे कानून का स्वरूप देने के लिए राज्यसभा से पास कराना जरूरी है. आरटीआई संसोधन विधेयक को सरकार ने भले ही राज्यसभा से पास करा लिया हो, लेकिन इस मामले में राह आसान नहीं है. एनडीए की सहयोगी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने ही इस बिल का विरोध किया है.
राज्यसभा में चर्चा के दौरान जेडीयू इस मुद्दे पर सदन से वॉकआउट कर गई. जेडीयू शुरू से ही इस बिल के विरोध में है. कई मौकों पर इस बात को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुखर होकर बोलते आए हैं.
तीन तलाक विधेयक पर चर्चा के दौरान अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष (बिहार) और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मैं आज असहमत हूं, कल इस पर बहस होगी फिर इस पर सहमति जताने का प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वह स्वतंत्र है. ज्ञात हो कि राज्यसभा में जेडीयू के कुल छह सांसद हैं.
जेडीयू सांसद ने कहा कि मैं मानता हूं यह विधेयक का सवाल है, लेकिन इस पर जागरुकता फैलाने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि बाल विवाह गंभीर समस्या है. ये समस्याएं जड़ जमा चुकी हैं, इन्हें दूर करने में समय लगता है.
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