Ranchi news: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में इस चर्चा का हमारी पार्टी विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि अब कृषि कानून, बिल नहीं है, ये अब कानून है.
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Ranchi: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Vidhansabha) का बजट सत्र चल रहा है. सत्र खत्म होने में अब दो दिन का समय शेष है. सरकार के तरफ से जो कार्यसूचना दिया गया है, उसके अनुसार सोमवार को सदन में कृषि बिल (Agricultural Law) और महंगाई पर चर्चा होना है. लेकिन सोमवार को सदन में होने वाले बिल पर चर्चा से पहले बीजेपी की तरफ से विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सरकार पर हमला बोला है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन में इस चर्चा का हमारी पार्टी विरोध करेगी. उन्होंने कहा कि अब कृषि कानून, बिल नहीं है, ये अब कानून है. हम इसलिए इसका सदन में विरोध करेंगे. बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस पर विधानसभा में चर्चा का कोई औचित्य नहीं बनता है. कांग्रेस पार्टी का यह चरित्र है. ये यही दर्शा रहा है.
उन्होंने कहा, 'देश की सबसे पुरानी पार्टी लोकतंत्र में गलत परिपार्टी की शुरुआत करना चाहती है. कृषि बिल राज्यसभा और लोकसभा में चर्चा होने के बाद ही कानून बना है. जिसपर लोकसभा कमेटी ने भी मुहर लगाया है और उस कमेटी में सिर्फ सत्ता दल के लोग ही शामिल नहीं रहते हैं.
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बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस आलाकमान पर हमला करते हुए कहा कि विधानसभा में हमें तो बोलने का मौका ही नहीं मिलता है. कांग्रेस पार्टी किस प्रकार से राजनीति करती है, उसकी बानगी 2013 है. जब राहुल गांधी ने किसानों के लिए वादा किया था और 2019 के चुनाव घोषणा में अपने वादों से पलट गई. हमारी सरकार ने बाजार समितियों को खत्म नहीं किया है, बल्कि और सुविधा उपलब्ध करवा रही है. कृषि बिल के आने के बाद किसान अब अपने फसल को कहीं भी बेच सकते हैं. MSP के बारे में प्रधानमंत्री बार-बार कहते हैं,' MSP पहले भी था और आगे भी रहेगा.'
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस राज्य में धान की खरीददारी कितनी हुई है, किसी से छुपी हुई नहीं है. कांग्रेस के कार्यकाल में स्वामीनाथन की रिपोर्ट को आलमीरा में रख दिया गया था. इस पर कभी भी विचार नहीं किया गया. वो रिपोर्ट धूल फांक रहा था. लेकिन एनडीए (NDA) की सरकार बनते ही हमने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को फिर से सत्ता में आने का दूर-दूर तक चांस नजर नहीं आ रहा है. इसलिए कांग्रेस कभी शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों का साथ देता है, तो कभी किसान आंदोलनकारियों का साथ देते है.
वहीं, मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल को हटा दिया गया, जनता से जुड़े नीतिगत सवाल से डर कर सीएम ने इसे हटा दिया.