साथ ही उन्होंने कहा है कि विरोधियों को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि यह नए भारत का बजट है.
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पटना: मोदी सरकार ने आज संसद में अपना अंतिम बजट पेश किया जिसके बाद से बयानों का दौर शुरू हो गया है. जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां बजट को आगामी चुनावों से प्रेरित बता रही है तो वहीं, बीजेपी बजट को ऐतिहासिक करार दे रही है.
झारखंड के सीएम रघुवर दास ने भी बजट की तारीफ की और कहा कि 60 सालों के बाद मजदूर भाइयों को बड़ी राहत मिली है. साथ ही उन्होंने कहा है कि विरोधियों को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि यह नए भारत का बजट है. रघुवर दास ने कहा है कि साढ़े चार साल में मोदी सरकार ने काम किया है और वो बेहतर है.
साथ ही ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा है कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक बजट पेश किया गया है. गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को पहली बार इतनी बड़ी राहत मिली है.
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐतिहासिक बजट पेश किया गया है। गरीब, किसान और मध्यम वर्ग को पहली बार इतनी बड़ी राहत मिली है। #BudgetForNewIndia pic.twitter.com/UVq19tbR7u
— Raghubar Das (@dasraghubar) February 1, 2019
बजट पर सभी नेताओं और पार्टियों की अलग-अलग राय दिख रही है. बीजपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा है, 'अब की बार मोदी सरकार 400 के पार'. उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा बजट पेश किया है जिसमें सभी लोगों का ध्यान रखा गया है. यह एक ऐतिहासिक बजट है जो कभी भी संसद में पेश नहीं किया गया था.
गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ऐसी बजट की कभी कल्पना नहीं की होगी. अब उनके पास कुछ भी बोलने को नहीं है. वहीं, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि यह पूरी तरह से सरकार का सर्जिकल स्ट्राइक है यह सरकार का दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक है. पहला देश की सीमा में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था. अब सदन में सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक किया है. 2019 का बजट एक ऐतिहासिक बजट है, ऐसा बजट कभी भी सदन में पेश नहीं किया गया है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि 2019 का बजट मोदी सरकार का जुमला है. उन्होंने बजट को पूरी तरह से निराशाजनक बताया है. टैक्स में 5 लाख तक के इनकम पर छूट के बारे में मांझी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा होती तो टैक्स स्लैब को 8 लाख तक करती.