रांची : झारखंड हाईकोर्ट से शुक्रवार को कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को उस समय बड़ा झटका लगा जब न्यायमूर्ति राजेश शंकर की पीठ ने रंगदारी मांगने के एक मामले में निचली अदालत की सजा को बरकरार रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रंगदारी मांगने एक मामले में निचली अदालत ने योगेंद्र साव को ढाई वर्ष कैद की सजा सुनाई है. इसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में अर्जी दी थी. फिलहाल योगेंद्र साव होतवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं.



पूर्व में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. शुक्रवार को न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया और साव की याचिका को खारिज कर दिया.


ज्ञात हो कि झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाल ही में सरेंडर कर दिया था. दंगा करने और हिंसा भड़काने के मामले में जमानत रद्द किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया था.


योगेंद्र यादव बड़कागांव 2016 गोलीकांड के आरोपी हैं. जमानत की शर्तों का उल्लंघन बताते हुए सुप्रीम कोर्ट 4 अप्रैल को जमानत याचिका रद्द कर दी थी जिसके बाद योगेंद्र साव ने कोर्ट में सरेंडर किया है.